कोरोना के इलाज में कालीमिर्च की उपयोगिता पर काम कर रहे उमाकांत त्रिपाठी का कहना है कि, ‘किसी भी अन्य वायरस की तरह SARS-CoV-2 इंसान के सेल्स में प्रवेश के लिए सरफेस के प्रोटीन को माध्यम बनाते हैं।’ आपको बतादें उनकी टीम ने एक ऐसा प्राकृतिक तत्व खोजा है जो इस वायरस को शरीर में अंदर प्रवेश करने से रोकने में मदद करेंगा। और ऐसे ह्यूमन सेल्स को तैयार करेंगा जो हर पल इस वायरस से मुकाबला करने को तैयार रहेगा।
कोरोना वायरस इंसानी शरीर में किस तरह से अपनी पैठ बनाता है उस प्रणाली को रोकने में काम आने वाले तत्वों की पहचान करने के लिए वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर के मॉलिक्यूलर डॉकिंग और मॉलिक्यूलर डायनेमिक्स सिमुलेशन तकनीक का इस्तेमाल किया। शोधकर्ताओं ने शोध के नतीजों के अनुसार किचन में उपयोग होने वाले सामान्य मसालों में से 30 के अणुओं का प्रयोग कर उनके औषधीय गुणों का भी पता लगाया।
वैज्ञानिकों की खोज में यह निष्कर्ष निकाला कि हर घर की रसोई में उपयोग होने वाली काली मिर्च में मौजूद एल्कोलॉयड जो पेपराइन कहा जाता है इसी तत्व की वजह से कालीमिर्च में तीखापन होता है, और ये कोरोना वायरस का मजबूती से सामना कर सकता है। काली मिर्च एक कुदरती बीज है जिसे नानी दादी हमेशा से घरेलू दवा के रूप में इस्तेमाल करती रही हैं।
लाख कोशिश के बाद भी कोरोना पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है। दुनिया में अब तक 3 करोड़ 95 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं। और मौत का आंकड़ा भी लाखों में पहुँच गया है।