बुटीक से शुरू हुआ कारवां
जरूरतमंद महिलाओं को अपनी वेडिंग ड्रेस के लिए कोई समझौता न करना पड़े इसी मकसद से कन्नूर की सबीथा नासर ने 8 साल पहले Rainbow Women’s Boutique शुरू किया था। इस बुटीक में वो ऐसे लहंगे, गाउन या शादी के ऐसे कपड़े रखती हैं जिन्हें किसी दुल्हन ने पहले यूज किए हो, लेकिन अब वो उनके काम के नहीं हो। वे अपनी मर्जी से ऐसे कपड़ों को बुटीक में देकर जाती हैं। तब सबीथा इन कपड़ों को ड्राई क्लीन कराती हैं और किसी जरूरतमंद लड़की को इसे देती हैं। अगर कोई महिला इसे कस्टमाइज कराना चाहती हैं तो वह ड्रेस को री—डिजाइन भी करती हैं। जिससे हर दुल्हन अपनी मर्जी का ड्रेस पहन सके।
जरूरतमंद महिलाओं को अपनी वेडिंग ड्रेस के लिए कोई समझौता न करना पड़े इसी मकसद से कन्नूर की सबीथा नासर ने 8 साल पहले Rainbow Women’s Boutique शुरू किया था। इस बुटीक में वो ऐसे लहंगे, गाउन या शादी के ऐसे कपड़े रखती हैं जिन्हें किसी दुल्हन ने पहले यूज किए हो, लेकिन अब वो उनके काम के नहीं हो। वे अपनी मर्जी से ऐसे कपड़ों को बुटीक में देकर जाती हैं। तब सबीथा इन कपड़ों को ड्राई क्लीन कराती हैं और किसी जरूरतमंद लड़की को इसे देती हैं। अगर कोई महिला इसे कस्टमाइज कराना चाहती हैं तो वह ड्रेस को री—डिजाइन भी करती हैं। जिससे हर दुल्हन अपनी मर्जी का ड्रेस पहन सके।
WhatsApp ग्रुप से दूसरी महिलाओं को जोड़ा
सबीथा ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद महिलाओं की मदद करना चाहती थीं, लेकिन सब कुछ खुद संभालना मुमकिन नहीं था। ऐसे में उन्होंने एक व्हाट्स ऐप ग्रुप ज्वाइन किया। इसमें उन्हें अपनी जैसी 22 और महिलाएं मिलीं। जिनके साथ मिलकर उन्होंने इस काम को आगे बढ़ाया। अब केरल भर से वेडिंग ड्रेसेस का कलेक्शन किया जाता है। पिछले तीन सालों में ‘Agora’ टीम लगभग 100 महिलाओं को उनकी ड्रीम वेडिंग ड्रेस दे चुकी हैं। ग्रुप में काम करने वाली महिलाओं की उम्र 20-50 साल है। सभी पूरी लग्न और मेहनत से जरूरतमंद ब्राइडल के लिए ड्रेस को री—डिजाइन करने का काम करती हैं।
सबीथा ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद महिलाओं की मदद करना चाहती थीं, लेकिन सब कुछ खुद संभालना मुमकिन नहीं था। ऐसे में उन्होंने एक व्हाट्स ऐप ग्रुप ज्वाइन किया। इसमें उन्हें अपनी जैसी 22 और महिलाएं मिलीं। जिनके साथ मिलकर उन्होंने इस काम को आगे बढ़ाया। अब केरल भर से वेडिंग ड्रेसेस का कलेक्शन किया जाता है। पिछले तीन सालों में ‘Agora’ टीम लगभग 100 महिलाओं को उनकी ड्रीम वेडिंग ड्रेस दे चुकी हैं। ग्रुप में काम करने वाली महिलाओं की उम्र 20-50 साल है। सभी पूरी लग्न और मेहनत से जरूरतमंद ब्राइडल के लिए ड्रेस को री—डिजाइन करने का काम करती हैं।
इन जगहों पर भी खोले जाएंगे सेंटर
ब्राइडल ड्रेस का लाभ ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को मिल सके इसके लिए काम का विस्तार तेजी से किया जा रहा है। केरल में काफी लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के बाद अब ग्रुप की तैयारी कोच्चि Kochi और मंगलौर Mangalore में अपना सेंटर खोलने की है। अभी बुटीक की ब्रांच कसारगोड़, कनूर, कालिकट, कोलम, पटम्बी और पय्यार में मौजूद है।
ब्राइडल ड्रेस का लाभ ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को मिल सके इसके लिए काम का विस्तार तेजी से किया जा रहा है। केरल में काफी लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के बाद अब ग्रुप की तैयारी कोच्चि Kochi और मंगलौर Mangalore में अपना सेंटर खोलने की है। अभी बुटीक की ब्रांच कसारगोड़, कनूर, कालिकट, कोलम, पटम्बी और पय्यार में मौजूद है।