मरीज की जा सकती है जान
साल 2013 की बात है जब लास वेगास में शांटेल ग्याकेलोन मैजिक फैशन ट्रेड शो में मॉडलिंग कर रही थीं। उस समय उनकी दोस्त तारा ने उन्हें दही के जैसा टेस्ट करने वाला योगर्ट और प्रेट्जेल दिया था। एक एक प्रकार से बिस्किट होता है और इसमें पीनट बटर भी शामिल था। शांट को पीनट बटर से एलर्जी थी। लेकिन वह इस बात से अनजानी थी कि बिस्किट में पीनट बटर भी है। यह खाने के बाद मॉडल की तबीयत खराब हो गई और वह एनाफायलेक्टिक शॉक में चली गई थीं। एलर्जी के कारण एनाफायलेक्टिक शॉक आता है। आमतौर पर यह फूड एलर्जी और कीड़े-मकोड़ों के काटने से होता है। ये काफी दुर्लभ होता है अगर समय पर इलाज नहीं मिलता है तो मरीज की जान भी जा सकती है।
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24 घंटे परिवार करता है देखभाल
एनाफायलेक्सिस के चलते ब्लड प्रेशर कम हो सकता है और जीभ में सूजन आ सकती है और इंसान को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। शांटेल के वकील क्रिस मॉरिस का कहना था कि मेडिकवेस्ट नाम के अस्पताल में इलाज के बाद शांटेल का दिमाग कुछ मिनटों के लिए बंद हो गया था। 35 साल की शांटेल इस घटना से अब तक ठीक नहीं हो पाई। उन्हें अब भी लकवा मारा हुआ है। परिवार 24 घंटे उसकी देखरेख कर रहा। वह सिर्फ एक आई गेज कंप्यूटर की मदद से अपने आसपास लोगों से बातचीत कर पाती हैं।
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222 करोड़ रुपए देने के आदेश
इस मामले में लास वेगास की अदालत ने उनके मेडिकल खर्चे और मानसिक-भावनात्मक परेशानियों को ध्यान में रखते हुए उनके परिवार को 29.5 मिलियन डॉलर्स यानी लगभग 222 करोड़ रुपये देने का आदेश दिया है। उनके इलाज में काफी पैसे खर्च हो रहे है। अदालत का फैसला आने के बाद उनके परिवार को थोड़ी राहत मिली है। शांटेल के पिता का कहना है कि उनकी बेटी कम से कम अगले दो दशक तक अपनी जिंदगी ठीक से गुजार सकती हैं। वे इस धनराशि से अपनी बेटी के इलाज का खर्च उठाते रहेंगे।