इन उपायों का पालन कर आप घर बैठे ही संगम में नहाने का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। सबसे पहले घर के वातावरण पर ध्यान दें, इसे सात्विक बनाएं। घर की साफ-सफाई पर ध्यान दें और इस बीच मांस-मछली या प्याज-लहसुन जैसे खाद्य पदार्थों का न तो सेवन करें और न ही घर पर रखें।
घर के शुद्धिकरण के बाद अब खुद को पवित्र करें। हर रोज ब्रम्हमुहूर्त में उठकर स्नान करके मन्दिर में पूजा करने के लिए बैठ जाएं। सूर्य की उपासना इस दौरान प्रमुख है।श्री आदित्यहृदयस्तोत्र का पाठ कर, मां गंगा के नाम का कम से कम 108 बार जप करें। शिवलिंग का अभिषेक करें।
सबसे जरूरी बात कि इस दौरान अपने तन के साथ-साथ मन को भी साफ रखें। बुरी भावनाओं का त्याग दें, किसी भी जीव के प्रति हिंसा के रवैये को न अपनाएं, प्रेम से सबके साथ पेश आए और ईश्वर का ध्यान मन ही मन करें।
शाम के वक्त घर में आरती या भजन कीर्तन करें। इससे नकारात्मक शक्ति घर से चली जाएगी। भक्तिमय वातावरण बना रहेगा। इस दौरान पड़ने वाले प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को सुन्दरकाण्ड का भी आयोजन कर सकते हैं। मकर संक्रांति स्नान के दिन खिचड़ी खाएं तथा गरीबों को भी दान करें। बता दें कि इस समय तिल के दान का बहुत महत्व है इसलिए हर रोज तिल के लड्डू का दान करें।
इन सबके साथ ही अगर आपको कोई मंदिर जीर्ण या अधूरा दिखें तो उसे बनाने में अपना सहयोग प्रदान करें। अपनी क्षमतानुसार दान धर्म कर इंसान पुण्य की प्राप्ति कर सकता है।
इसका प्रभाव आने वाले भविष्य में आप देख सकते हैं। प्रयागराज न जाकर भी आप घर पर इन उपायों के माध्यम से ईश्वर के आशीर्वाद को प्राप्त कर सकते हैं।