मैकेनिकल इंजीनियरिंग में कॅरियर के शानदार अवसर, कमाएंगे लाखों करोड़ों Govt Jobs: UPSC सहित इन विभागों में निकली हजारों नौकरियां, जल्दी ऐसे करें आवेदन क्या है ग्रेच्युटी का रुल
दरअसल जो कर्मचारी किसी एक कंपनी में पांच वर्ष से अधिक काम कर लेते हैं। उन्हें कंपनी छोड़ने पर प्रति वर्ष 15 दिन के हिसाब से पैसा मिलता है। उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति ने पांच वर्ष काम किया है तो कंपनी प्रति वर्ष 15 दिन के हिसाब से उसे पांच वर्ष में कुल 75 दिन (लगभग ढाई महीने) का अतिरिक्त भुगतान करेगी। इसी राशि को ग्रेच्युटी कहा जाता है। यह एक तरह से व्यक्ति को एक एक्स्ट्रा राशि की तरह दिया जाता है ताकि उसे कुछ आर्थिक सहायता मिल सके। नए लेबर कोड में इसी ग्रेच्युटी को खत्म किए जाने की सिफारिश की गई है।
दरअसल जो कर्मचारी किसी एक कंपनी में पांच वर्ष से अधिक काम कर लेते हैं। उन्हें कंपनी छोड़ने पर प्रति वर्ष 15 दिन के हिसाब से पैसा मिलता है। उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति ने पांच वर्ष काम किया है तो कंपनी प्रति वर्ष 15 दिन के हिसाब से उसे पांच वर्ष में कुल 75 दिन (लगभग ढाई महीने) का अतिरिक्त भुगतान करेगी। इसी राशि को ग्रेच्युटी कहा जाता है। यह एक तरह से व्यक्ति को एक एक्स्ट्रा राशि की तरह दिया जाता है ताकि उसे कुछ आर्थिक सहायता मिल सके। नए लेबर कोड में इसी ग्रेच्युटी को खत्म किए जाने की सिफारिश की गई है।
और भी कई नियम बदले सरकार ने
इसके साथ ही सरकार ने कई अन्य नियमों को भी बदल दिया है। सौ कर्मचारियों के कम स्टॉफ वाले संस्थान को कर्मचारी हटाने के लिए अप्रुवल की आवश्यकता नहीं होगी। इसके साथ ही लेबर लॉ में भी काफी हद तक कॉर्पोरेट्स और व्यापारियों के हित में रिलेक्सेशन दिया गया है। इन सभी का सबसे बड़ा असर प्राइवेट जॉब्स व व्यावसायिक संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों पर होगी।
इसके साथ ही सरकार ने कई अन्य नियमों को भी बदल दिया है। सौ कर्मचारियों के कम स्टॉफ वाले संस्थान को कर्मचारी हटाने के लिए अप्रुवल की आवश्यकता नहीं होगी। इसके साथ ही लेबर लॉ में भी काफी हद तक कॉर्पोरेट्स और व्यापारियों के हित में रिलेक्सेशन दिया गया है। इन सभी का सबसे बड़ा असर प्राइवेट जॉब्स व व्यावसायिक संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों पर होगी।