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Coronavirus : गुजरात में तैयार हुआ सबसे सस्ता स्वदेशी वेंटिलेटर, 1 लाख है कीमत, 10 दिन में हुआ तैयार

locationनई दिल्लीPublished: Apr 06, 2020 02:58:14 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

Highlights-कोरोना वायरस के कहर ने पूरे विश्व में हाहाकार मचा दिया है-हर देश के वैज्ञानिक इस वायरस को मात देने के लिए रिसर्च में लग गए हैं- एेसे में कोरोना वायरस के अलावा आजकल अब सबसे अधिक वेंटिलेटर्स की चर्चा सुन रहे हैं

Coronavirus : गुजरात में तैयार हुआ सबसे सस्ता स्वदेशी वेंटिलेटर, 1 लाख है कीमत, 10 दिन में हुआ तैयार

Coronavirus : गुजरात में तैयार हुआ सबसे सस्ता स्वदेशी वेंटिलेटर, 1 लाख है कीमत, 10 दिन में हुआ तैयार

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर लगातार जारी है। कोरोना वायरस के कहर ने पूरे विश्व में हाहाकार मचा दिया है। हर देश के वैज्ञानिक इस वायरस को मात देने के लिए रिसर्च में लग गए हैं। एेसे में कोरोना वायरस के अलावा आजकल अब सबसे अधिक वेंटिलेटर्स की चर्चा सुन रहे हैं। देश में कोरोना वायरस संकट की वजह से वेंटिलेटरों की मांग बढ़ गई है। वहीं गुजरात के वैज्ञानिकों ने बेहद सस्ता वेंटिलेटर बनाया है।

एक लाख रुपए कीमत

गुजरात के राजकोट की ज्योति सीएनसी कंपनी ने स्वदेशी वेंटिलेटर तैयार करने में कामयाबी हासिल की है। इसे धामन-1 नाम दिया गया है। इसके सभी हिस्से स्वदेशी हैं। कंपनी का दावा है कि इसकी कीमत महज 1 लाख रुपये है जबकि विदेश से आने वाला 1 वेंटिलेटर कम से कम 6.50 लाख रुपये का मिलता है। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने गांधीनगर में धामन -1 को लॉन्च किया।
10 दिनों में हुआ तैयार

रुपाणी ने बताया कि अगले 10 दिनों में कंपनी गुजरात सरकार को 1000 एयर-1 वेंटिलेटर देगी। कंपनी के पराक्रम सिंह जडेजा के अनुसार इसे डॉ. राजेंद्र सिंह परमार की टीम ने महज 10 दिनों में तैयार किया है। डॉ. परमार ने 5 साल तक अमेरिका में काम किया है। इस वेंटिलेटर को बनाने में 150 विशेषज्ञ इंजीनियरों की टीम जुटी थी। इसका परीक्षण अहमदाबाद के असरवा सिविल अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीज पर किया गया। वेंटिलेटर पांच घंटे से अधिक समय तक रोगी पर अच्छा काम कर रहा है।
कोरोना मरीजों के लिए क्यों जरूरी है वेंटिलेटर?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, कोविड-19 से संक्रमित 80 पर्सेंट मरीज अस्पताल गए बिना ठीक हो जाते हैं, लेकिन छह में से एक मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है और उसे सांस लेने में कठिनाई होने लगती है। ऐसे मरीजों में वायरस फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। फेफड़ों में पानी भर जाता है, जिससे सांस लेना बहुत मुश्किल हो जाता है। शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है। इसलिए वेंटिलेटर्स की आवश्यकता होती है। इसके जरिए मरीज के शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को समान्य बनाया जाता है।
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