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छत्तीसगढ़ की जेल में अपने पिता के साथ रहती थी ये मासूम बच्ची, अब ऐसे बदल गई जिंदगी

locationनई दिल्लीPublished: Jun 20, 2019 12:19:19 pm

Submitted by:

Prakash Chand Joshi

Chhattisgarh: जब कुछ महीने की थी बच्ची तब जाना पड़ा था जेल
जेल के प्ले स्कूल में पढ़ने लगी थी बच्ची
बच्ची को टीवी देखने और खेलने का भी शौक है

Chhatisgarh

छत्तीसगढ़ की जेल में अपने पिता के साथ रहती थी ये मासूम बच्ची, अब ऐसे बदल गई जिंदगी

नई दिल्ली: बच्चों ( child ) के बचपन के दिन बड़े ही खूबसूरत होते हैं। 3-4 साल तक न तो पढ़ाई की टेंशन और न ही किसी और चीज की। लेकिन सोचिए कि अगर कुछ ही महीने की बच्ची को जेल ( jail ) जाना पड़े तब? जी हां ये कोई मजाक या कोई कहानी नहीं बल्कि सच में छत्तीसगढ़ की एक बच्ची को उस वक्त जेल जाना पड़ा जब वो महज कुछ ही महीने की थी। लेकिन अब उस बच्ची की जिंदगी बदल चुकी है क्योंकि एक शख्स उसकी जिंदगी में नया सवेरा बनकर आया है।

 

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क्यों गई थी बच्ची जेल

मामला छत्तीसगढ़ ( Chhatisgarh ) के बिलासपुर ( Bilaspur ) का है। आप सोच रहे होंगे की भला कुछ महीने की बच्ची को जेल क्यों जाना पड़ा, तो हैरान मत होइए इस बच्ची ने कोई जुर्म नहीं किया था। बल्कि इस बच्ची को इसलिए जेल जाना पड़ा क्योंकि उसके पिता ने अपराध ( crime ) किया और उन्हें जेल जाना पड़ा। वहीं इस बच्ची की मां पहले ही गुजर चुकी थी। ऐसे में इस बच्ची का इसके पिता के सिवाए इस दुनिया में कोई भी नहीं था, जिसके चलते पिता के साथ बच्ची को भी जेल में ही रहना पड़ा। दिन ढलते गए और बच्ची ने जेल में चलने वाले प्ले स्कूल में पढ़ा। बच्ची को टेलीविजन देखने और खेलने का शौक जरुर है, लेकिन बच्ची को पढ़ाई करनी है।

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इन्होंने बदल दी जिंदगी

अब बच्ची 6 साल की हो चुकी है। वहीं कुछ दिन पहले बिलासपुर के कलेक्टर ( collector ) डॉ. संजय अलंग जेल के निरीक्षण पर पहुंचे थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात बच्ची से हुए। कलेक्टर ने बच्ची से पूछा कि आप क्या करना चाहती हो? इस पर बच्ची ने कहा कि वो जेल के बाहर जाकर पढ़ना और स्कूल ( School ) जाना चाहती है। इसके बाद उन्होंने जेल के अधिकारियों से बात करके शहर के एक अच्छे स्कूल में बच्ची का दाखिला करवा दिया। उसके रहने के लिए स्कूल के हॉस्टल ( Hostel ) में व्यवस्था भी करवाई गई। साथ ही शहर के लायंस क्लब ने भी इस नेक काम में उनका साथ दिया। कलेक्टर डॉ. संजय की लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने ये पहल करके बच्ची की जिंदगी बदल दी है।

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