जवाहर लाल नेहरू और लेडी एडविना के बीच था ऐसा रिश्ता, इस किताब में सामने आई सच्चाई
इसलिए बदल गई तारीख
साल 1925 से ही बाल दिवस मनाया जाने लगा था, लेकिन साल 1953 में दुनिया भर में इसे मान्यता मिली। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 20 नवबंर को बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की, लेकिन ये अन्य देशों में अलग-अलग दिन मनाया जाता है। भारत में भी पहले ये 20 नवंबर को ही मनाया जाता था, लेकिन 27 मई 1964 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ( Jawaharlal Nehru ) के निधन के बाद सर्वसहमति से ये फैसला लिया गया कि नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के तौर पर माना जाएगा। पंडित नेहरू ने भारत की आजादी के बाद बच्चों की शिक्षा, प्रगति और कल्याण के लिए बहुत काम किया था।
सामने थी कई चुनौतियां
जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 में हुआ था। भारत जब आजाद हुआ तो वो आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। लेकिन उनके सामने कई चुनौतियां भी थी क्योंकि जिस तरह भारत आजाद हुआ था वो सिर्फ किसी खाली थैले की तरह था। क्योंकि अंग्रेजों ने सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत को पूरी तरह लूट लिया था। हालांकि, इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि भारत में अंग्रेजों ने कई अद्भुत इमारतों का निर्माण किया। लेकिन 500 देसी रियासतों को एक झंडे के नीचे लाने का काम तो नेहरू ने ही किया।