साल 2020 में आने वाला है यह भारी संकट
इस किताब में लिखी हैं सारी बातों
नई दिल्ली। 16वीं सदी के मशहूर नास्त्रेदमस बहुत पहले इस दुनिया से जा चुके हैं लेकिन उन्होंने 20 शताब्दियों के लिए बहुत सी भविष्यवाणियां की है। नास्त्रेदमस (Nostradamus) द्वारा की गई भविष्यवाणी अधिकतर सच साबित हुई हैं।पिछले 450 साल पहले उन्होंने जो कह दिया वो सच हो गया। यहीं वजह है कि उन्हें उस दौर का सबसे विवादित व्यक्ति कहा जाता था। नास्त्रेदेमस ऐसे इंसान थे जिन्होंने अपनी भविष्यवाणी से विज्ञान को भी चुनौती दे डाली थी। क्यों की विज्ञान भविष्य की अवधारणा को नहीं मानता लेकिन नास्त्रेदेमस की कही बातें सच हो जाती थी।
भविष्यवेत्ता माइकल दि नास्त्रेदमस ने बहुत पहले आने वाले साल 2020 (Chilling predictions for 2020 )के लिए कई भविष्यवाणियां की हैं। उनका कहना था कि साल 2020 हिंसा से भरा रहेगा। ऐसे में भारत में चल रही हिंसा को लोग इसी भविष्यवाणी से जोड़कर देख रहे हैं।भविष्यवाणी का माने तो ये अभी कुछ नहीं है आने वाले समय में यानी 2020 में कई बुरी घटनाएं देखने को मिलने वाली है। नास्त्रेदमस ने 2020 के लिए जो भविष्यवाणियां की हैं, उसमें दुनिया खत्म होने के संकेत भी छिपे हैं
क्या होगा साल 2020 में? नास्त्रेदमस ने माना है कि 2020 में एक नए युग की शुरुआत होगी। कई देश आपस में लड़ के खत्म हो जाएगें। इसके साथ ही 2020 में इस सदी का सबसे बड़ा आर्थिक संकट भी आएगा। बता दें चीन और अमेरिका की आपस में व्यापार युद्ध की शुरुआत हो चुकी है। इसके अलावा भारत की आर्थिक वृद्धि दर में भारी गिरावट दर्ज हुई है। नास्त्रेदमस की की माने तो साल 2020 में तीसरा विश्व युद्ध हो सकता है। दुनिया के बड़े शहरों में गृह युद्ध जैसे हालात हो जाएंगे और लोग खुलकर सड़कों पर उतरेंगे। इतना ही नहीं नास्त्रेदमस ने 2020 को एक बहुत ही हिंसक साल बताया है। उनके भविष्यवाणी के मुताबिक इस साल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हत्या की कोशिश भी हो सकती है। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति, डोनाल्ड ट्रम्प को बड़ी बिमारी हो सकती है।
कौन हैं नास्त्रेदमस? नास्त्रेदमस का जन्म फ़्रांस के यहूदी परिवार में हुआ था।लेकिन इनके जन्म से पहले ही इनके परिवार ने ईसाई धर्म अपना लिया था।माना जाता है कि प्लेग की महामारी में नास्त्रेदमस का परिवार थत्म हो गया।नास्त्रेदमस के बारे में कहा जाता है कि वह रात में घंटों तिपाई पर पानी से भरे पीतल के पात्र में भविष्य की घटनाओं को देखते थे।बाद में उन्होंने इन घटनाओं को लिखा जिसे साल 1555 में ‘सेंचुरीज’ नाम की क़िताब में दर्ज़ किया गया।