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एक गांव जहां लाखों की तादाद में की जाती है जहरीले सांपों की खेती, नहीं है कोरोना वायरस का डर!

हर साल पाले जाते हैं 30 लाख जहरीले सांप
सिर्फ five step snake का है डर

Feb 16, 2020 / 11:16 am

Vivhav Shukla

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नई दिल्ली। चीन से शुरू हुए कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया में आतंक मचा रखा है। बताया जा रहा है कि चीन की हुआनन सीफूड मार्केट से ये क्रोनोवायरस आया। चीन के अधिकारियों का मानना है कि ये वायरस इसी मार्केट में मिले किसी जानवर से आया है। पेकिंग यूनिवर्सिटी (peking university) के रिसर्चर्स ने पाया कि यह वायरस बाज़ार में मिलने वाले सांप में से किसी मनुष्य में प्रवेश हुआ है। लेकिन आपको बता दें चीन के लोगों के लिए सांप खाना आम बात है। यहां के लोग लाखों की संख्या में जहरीले सांपों की खेती (snake farming) भी करते हैं।

30 लाख से भी अधिक जहरीले सांप पाले जाते हैं

दरअसल, चीन के जिसिकियाओ गांव (Zisiqiao village) में हर साल 30 लाख से भी अधिक जहरीले सांप पाले जाते हैं और पैदा भी किए जाते हैं। यहां के लोगों के लिए यही कमाई का मुख्य स्रोत है। आकड़ों के मुताबिक यहां हर शख्स हर साल लगभग 20 हजार सांप पालता है। इन सांपों में जहरीले सांप जैसे कि कोबरा अजगर वाइपर व अन्य वैरायटी के साथ भी हैं । लेकिन यहां के लोगों को केवल एक सांप से डर लगता है। उसका नाम है फाइव स्टेप स्नेक। बताया जाता है कि इस सांप के काटने के बाद इंसान महज पांच कदम चल पाता है और उसकी मौत हो जाती है।

चीन के लोग चाव से खाते हैं सांप का मीट

जिसिकियाओ के लोग सांपों के मांस और शरीर के अन्य अंग बाजार में बेचते हैं। चीन में सांप का मीट बड़े शौक से खाया जाता है। यहां के लोग सांप का सूप भी नाश्ते में पीना पसंद करते हैं। साथ ही सांपों के शरीर के अंगों का उपयोग दवाइयां बनाने के काम में आता है। इस छोटे से गांव में सौ स्नेक फॉम्र्स हैं।

यांग होंगचैंग ने की थी स्नेक फार्मिंग की शुरुआत

एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि गांव के ही एक किसान यांग होंगचैंग ने स्नेक फार्मिंग की शुरुआत की थी।उन्होंने बताया कि एक बार होंगचैंग गंभीर रूप से बीमार पड़ गए थे। उनके इलाज के लिए उन्हें सांप की जरूरत थी, जिसके लिए उन्होंने एक जंगली सांप को पकड़ा। जिसके बाद से उन्होंने सांप पालना शुरू किये। उनके बाद धीरे-धीरे पूरे गांव ने ये काम करना शुरू कर दिया।

जहर निकाल काट देते हैं सर

यहां सांपों को फार्म हाउस से बूचड़ खाने में ले जाने के बाद सबसे पहले इनके जहर को निकाला जाता है और फिर इनका सर काट दिया जाता है। फिर बाद में सांपों को काटकर उनका मीट निकालकर अलग रख देते हैं। फिर चमड़े को अलग कर दूप में सुखाया जाता है। उसके मीट का प्रयोग खाने और दवा बनाने के काम आता है। और इसी तरह बचे खुचे चमड़ों से बैग बनाकर उन्हें बाजार में बेचा जाता है।

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