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इस महिला कलेक्टर ने देश के सामने पेश की मिसाल, बेटी को पढ़ने के लिए भेजा आंगनवाड़ी केंद्र

इनका नाम है शिल्पा प्रभाकर सतीष और इस समय ये तिरुनेलवेली जिले की कलेक्टर हैं।

Jan 10, 2019 / 02:33 pm

Neeraj Tiwari

इस महिला कलेक्टर ने देश के सामने पेश की मिशाल, बेटी को पढ़ने के लिए भेजा आंगनवाड़ी केंद्र

नई दिल्ली। हर माता-पिता अपने बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं। इसके लिए वो अपने बच्चों को महंगे से महंगे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने के लिए भेजते हैं। इसके अलावा बच्चों की पढ़ाई में कोई कमी न रह जाए इसके लिए वो प्राइवेट ट्यूशन का भी इंतजाम करते हैं। लेकिन इन सब के बीच एक महिला काफी चर्चा में हैं जिन्होंने अपनी बेटी को पढ़ने के लिए आंगनवाड़ी भेजना शुरू किया है। इनका नाम है शिल्पा प्रभाकर सतीष और इस समय ये तिरुनेलवेली जिले की कलेक्टर हैं।

 

कलेक्टर ने पेश की मिसाल

बता दें कि, शिल्पा प्रभाकर सतीष 2009 बैच की आईएएस ऑफिसर हैं और वर्तमान में तिरुनेलवेली जिले में पहली महिला कलेक्टर के रूप में तैनात हैं। शिल्पा नियमित तौर पर आंगनवाड़ियों का निरिक्षण करती हैं और यहां पर पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य को लेकर भी काफी संजीदा हैं। यही वजह है कि इन्होंने खुद की बेटी को प्राइवेट या किसी अच्छी सरकारी स्कूल में भेजने के बजाय पढ़ने के लिए आंगनवाड़ी भेजने का फैंसला कर एक मिसाल कायम की है।

स्वास्थ्य का रखा जाता है ख्याल

शिल्पा चाहती हैं कि बेटी समाज के हर वर्ग को समझे और जल्द तमिल भाषा सीखे, इसके लिए आंगनवाड़ी विकास केंद्र से अच्छा और कोई विकल्प नहीं है। क्योंकि सरकार ही इन आंगनवाड़ी केंद्रों को प्रमोट करती है जहां काफी अच्छे से बच्चे के स्वास्थ्य का ख्याल रखा जाता है। बेटी को आंगनवाड़ी भेजने के बारे में शिल्पा कहती हैं कि, ‘यह मेरे घर के बिल्कुल पास है और यहां पर उनकी बेटी लोगों से मिलती है और वहीं खेलती है।’ बता दें कि, आंगनवाड़ी केंद्रों में टीचर्स के पास स्मार्टफोन्स होते हैं जिसमें एक एप के द्वारा वो बच्चों का हेल्थ रिकॉर्ड अपने पास रखते हैं। बाद में जब बच्चे आंगनवाड़ी से पढ़ने के लिए स्कूलों में जाते हैं तो ये हेल्थ डिटेल्स स्कूल में दी जाती है।

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