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जानिए कब किया गया था पहली किताब का कॉपीराइट, इन आसान तरीकों से आप भी सुरक्षित करवा सकते हैं अपनी किताब

Published: Apr 23, 2019 06:54:36 am

Submitted by:

Vineet Singh

आपकी रचनाओं को सुरक्षित करने का काम करता है ये क़ानून।
इसकी मदद से कोई भी आपको रचनाओं पर नहीं जता सकता है अपना हक।
जानिए भारत में कब लागू गया ये एक्ट।

book copyright

जानिए कब किया गया था पहली किताब का कॉपीराइट, इन आसान तरीकों से आप भी सुरक्षित करवा सकते हैं अपनी किताब

नई दिल्ली: आज दुनिया भर में ( World Book Copyright Day ) विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस मनाया जाता है। दरअसल आज ही के दिन दुनिया के जाने माने लेखक विलियम शेक्सपियर का निधन हुआ था और आज उनकी 403 वीं पुण्यतिथि है और इसी वजह से आज का दिन किताबों को समर्पित किया जाता है। क्या आपने कभी इस बात के बारे में ध्यान दिया है कि जब कोई शख्स किताब लिखता है तो उसकी कहानी को चोरी होने से बचाने के लिए क्या किया जाता है। अगर आप नहीं जानते हैं तो आज हम आपको इसके बार में आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं।
पहली बार किस देश में लागू किया गया कॉपीराइट एक्ट

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि पहला कॉपीराइट एक्ट साल 1790 के दौरान यूके ( UK ) में लाया गया था और 9 जून 1790 को पहली किताब को कॉपीराइट किया गया जिसका नाम The Philadelphia Spelling Book था। अब हम आपको बताते हैं कि आखिर कॉपीराइट एक्ट आखिर होता क्या है।
जानिए क्या होता है कॉपीराइट

कॉपीराइट वो प्रक्रिया है जिसकी मदद से कोई व्यक्ति अपनी रचनाओं पर पूरी तरह से अपना हक़ जता पाता है और उन रचनाओं का असल मालिक कहलाता है। अगर किसी व्यक्ति ने कोई किताब लिखी और उसका कॉपीराइट नहीं करवाया तो वो उन रचनाओं का मालिक नहीं कहलाएगा और उन रचनाओं के चोरी होने का डर बना रहता हैं क्योंकि ऐसे में कोई भी उनपर अपना दावा कर सकता है। इन्हीं चीज़ों से बचने के लिए कॉपीराइट एक्ट बनाया गया है। जब कोई व्यक्ति किसी काम को मूल रूप से तैयार करता है और भौतिक माध्यम में उसे संग्रहित करता है तो उस काम का कॉपीराइट अपने आप उसे मिल जाता है।
भारत में कॉपीराइट एक्ट साल 1957 में लागू किया गया था। आपको बता दें कि कॉपीराइट एक्ट की अवधि 60 सालों तक रहती है मतलब यदि किसी शख्स की मृत्यु हो जाती है तो मृत्यु होने के 60 साल तक कॉपीराइट एक्ट लागू रहता है और उस दौरान कोई उस व्यक्ति की किताब या रचनाओं पर अपना हक नहीं जता सकता है।
ऐसे कॉपीराइट करवा सकते हैं अपनी रचना

आवेदन के साथ देने पड़ते हैं ये कागजात

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