कुंवारी लड़कियों के खून से नहाती थी महारानी, हैवानियत की कहानी सुनकर खड़े हो जाएंगे रोंगटे ! WHO के एक सर्वे के अनुसार 73 देशों में कोरोना महामारी (corona pandemic) के चलते एड्स की जीवनरक्षक दवाओं का स्टॉक लगभग ख़त्म होने की कगार पर है। वहीं, 24 देशों में एड्स की ज़रूरी दवाएं बिल्कुल खत्म हैं और यहां सप्लाई भी बुरी तरह बाधित है। ऐसे में इन देशों में एक नए समस्या पैदा होती नजर आ रही है।
World Health Organizatio के महानिदेशक Doctor Tedrus Adhonum Gabriaceus ने इस स्थिति को ‘बेहद चिंताजनक’ बताया है। Adhonum के मुताबिक दुनिया के देशों और उनके सहयोगियों को ये सुनिश्चित करना होगा कि एचआईवी से ग्रसित लोगों को जीवनरक्षक दवाएं मिलती रहे। कोविड-19 की वजह से एड्स की वो जंग नहीं हार सकते जिस पर हमने मुश्किल से जीत हासिल की थी।
बता दें कई देशों में कोरोना वायरस को एचआईवी (HIV) की दवा से हराने की कोशिश की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन में कोरोना वायरस के इलाज के लिए एड्स (AIDS) की दवा का इस्तेमाल किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोरोना वायरस के इलाज के लिए दो एंटी-एड्स दवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये वो दवाएं हैं जो एचआईवी वायरस को मानव शरीर में नुकसान पहुंचाने से रोकती हैं जिससे कि शरीर की सेल्स की री-प्रोड्यूस करने की क्षमता पर किसी भी तरह का कोई असर नहीं पड़ता है।
बॉब-कट हेयरस्टाइल वाले हाथी की पब्लिक हुई दीवानी, दिन में तीन बार होती है बालों की कंघी! AIDS की दवा के इस्तेमाल को लेकर कई एक्सपर्ट्स दावा कर रहे हैं कि इस दवा से कोरोना का इलाज किया जा सकता है लेकिन अभी तक इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बता दें राजस्थान के जयपुर में सवाई मान सिंह हॉस्पिटल (SMS Hospital) में डॉक्टरों ने भी एक संक्रमित महिला को एचआईवी, की दवाओं से ठीक करने का दावा किया था। डॉक्टरों के मुताबिक एचआईवी की दवा देने के कुछ दीन बाद ही COVID-19 टेस्ट में अब इस महिला की रिपोर्ट नेगेटिव आ गई थी।
इसके अलावा कुछ दिनों पहले थाइलैंड के स्वास्थ्य मंत्री ने भी दावा किया था उनके यहां कई लोग एचआईवी की दवाओं से सही हुए हैं।