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भारत में कम टेस्ट किए से जाने के कारण सामने नहीं आ रहे कोरोना के सटीक आंकड़े? जानें हकीकत

Published: Mar 23, 2020 08:48:45 am

Submitted by:

Piyush Jayjan

पिछले काफी दिनों से यह सवाल उठ रहा है कि आखिर भारत में कोरोना वायरस के मामले इतने कम क्यों हैं। इसकी वजह यह मानी जा रही है कि भारत में कोरोना वायरस की ज्यादा जांच नहीं हो पा रही है, जिसकी वजह से कोरोना वायरस के सटीक आंकड़े सामने नहीं आ पा रहे हैं।

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नई दिल्ली। चीन के वुहान ( Wuhan ) शहर से फैले कोरोना वायरस ( coronavirus ) ने अब लगभग पूरी दुनिया को अपनी चपेट में जकड़ लिया है। कोरोना की वजह से अब तक दुनिया के कई बड़े शहरों को लॉकडाउन किया जा चुका है। कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा लोगों की जान इटली में गई है।

इटली ( Italy ) में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा चीन से भी ज्यादा हो चुकी है। वहीं ईरान में भी हालात बहुत ठीक नहीं है। लेकिन इन सब के बीच पिछले कई दिनों ये सवाल उठ रहा है कि भारत जैसी बड़ी आबादी में अब कम इतने कम कोरोना के मामलों के पीछे कोई खेल तो नहीं हो रहा, मतलब कोरोना के मरीजों की संख्या को छिपाया तो नहीं जा रहा।

इसके पीछे एक तर्क ये दिया जा रहा है कि अब तक दुनिया भर में तीन लाख से ज्यादा लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं, वहीं भारत में यह आंकड़ा फिलहाल 400 से कम हैं। दुनियाभर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 13 हजार से ज्यादा पहुंच चुकी है, जबकि भारत में कोरोना से अब तक सात लोगों की मौत हुई है।

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अब सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर भारत में कोरोना वायरस के मामले इतने कम क्यों हैं। कई इसका कारण ये तो नहीं कि भारत में कोरोना वायरस की ज्यादा जांच ( Test ) नहीं हो पा रही है, जिसके चलते कोरोना वायरस के ज्यादा मामलें सामने नहीं आ पा रहें।

आपको बता दें कि आईसीएमआर भारत में कोरोना वायरस की जांच के लिए सिर्फ 111 सरकारी लैब हैं। हालांकि कड़ी आलोचना के बाद अब निजी लैब को भी कोरोना की जांच की इजाजत दे दी गई है। ICMR के आंकड़े के मुताबिक जब भारत में 16 हजार 109 लोगों के कोरोना की जांच हुई, तब 341 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए।

जबकि अमेरिका ( America ) में एक लाख 41 हजार 591 लोगों के कोरोना की जांच की गई और कोरोना के 26 हजार 905 मामले पॉजिटिव आए। इसी तरह जब इटली में 2 लाख 6 हजार 886 लोगों के कोरोना की जांच की गई, तो 53 हजार 578 मामले सामने आए।

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दक्षिण कोरिया में तीन लाख 16 हजार 664 लोगों के कोरोना की जांच की गई, तो 8 हजार 897 पॉजिटिव मामले सामने आए। जब फ्रांस में 36 हजार 747 लोगों की जांच गई और 14 हजार 459 लोग पॉजिटिव पाए गए। जर्मनी में एक लाख 67 हजार लोगों के कोरोना की जांच की गई, तो 23 हजार 129 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए।

जब ब्रिटेन ( Britain ) में 64 हजार 621 लोगों के कोरोना की जांच की गई, तो 5 हजार 18 लोग पॉजिटिव पाए गए। इसी के आधार पर कहा जा रहा है कि अगर भारत में कोरोना वायरस की जांच की संख्या को बढ़ाया जाए तो पॉजिटिव मामलों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है।

 

 

 

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