मालूम हो कि जब से कोरोना वायरस से देश में कहर बरपाया है। वैसे ही लोगों का विश्वास धर्म और आस्था में बढ़ा है। कुछ लोग जहां शंखनाद से वायरस को खत्म करने में यकीन रख रहे हैं। तो वहीं अन्य लोगों स्प्रिचुअल हीलिंग का सहारा ले रहे हैं। ऐसे में नैनी झील पर प्रकट हुए तीर के निशान को भी लोग सकारात्मक रवैये से देख रहे हैं। नैनीताल के लोग यह मान रहे हैं कि वैसे तो कोरोना वायरस की वजह से बहुत मुश्किल आने वाली है, लेकिन घबराने की कोई बात नहीं। कोरोना का कहर इसी तरह झील के पानी के रास्ते नैनीताल, फिर देश और फिर दुनिया से निकलने वाला है।
देवभूमि पर प्रकट हुए इस तीर को स्थानीय लोग एक प्रतीक के तौर पर भी देख रहे हैं। उनका मानना है कि प्रकृति हमें गहरा संदेश दे रही है कि उसका सम्मान करो और अपनी जड़ों से दूर मत जाओ, नहीं तो संकट बड़ा गहरा है। बता दें कि मां नंदा को उत्तराखंड वासी बड़ी आस्था के साथ पूजते हैं। उनका मानाना है कि देवी मां ही उनके समस्त कष्टों का निवारण करती हैं। इसलिए कोरोना वायरस से छुटकारा दिलाने में भी वह उनकी मदद करेंगी।