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Coronavirus: दुनिया में पहली बार सामने आया कोरोना का ऐसा मामला? वैज्ञानिक भी परेशान

locationनई दिल्लीPublished: Aug 25, 2020 02:46:58 pm

Submitted by:

Naveen

-Coronavirus: क्या एक बार कोरोना संक्रमित ( Covid-19 Virus ) होने के बाद व्यक्ति फिर से कोरोना की चपेट में आ सकता है?-हाल ही दुनिया का पहला ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें कोरोना से ठीक हो चुका शख्स फिर संक्रमित पाया गया है। -हांगकांग यूनिवर्सिटी ( Hong Kong University Study ) के वैज्ञानिकों ने इस बात का दावा किया है।

Coronavirus can people will infected second time after recover

Coronavirus: दुनिया में पहली बार सामने आया कोरोना का ऐसा मामला? वैज्ञानिकों की बढ़ी चिंता

Coronavirus: क्या एक बार कोरोना संक्रमित ( COVID-19 virus ) होने के बाद व्यक्ति फिर से कोरोना की चपेट में आ सकता है? हाल ही दुनिया का पहला ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें कोरोना से ठीक हो चुका शख्स फिर संक्रमित पाया गया है। हांगकांग यूनिवर्सिटी ( Hong Kong University Study ) के वैज्ञानिकों ने इस बात का दावा किया है।

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वैज्ञानिकों ने बताया कि दोबारा संक्रमण ( Covid-19-Reinfection ) का पहला मामला सामने आया है, जिसमें 33 वर्षीय शख्स मध्य अगस्त में स्पेन की यात्रा से हांगकांग लौटा था। इस दौरान जेनेटिक टेस्ट से कोरोना वायरस के अलग स्ट्रेन का खुलासा हुआ। मार्च महीने में पहली बार शख्स की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) का कहना है कि एक मरीज़ के मामले से किसी परिणाम पर नहीं पहुंचना चाहिए।

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दूसरी बार हुआ संक्रमण
हांगकांग वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि वायरस के जीनोम में दो चीज़ें ‘बिलकुल अलग’ हैं, यह दोबारा संक्रमण होने का दुनिया का पहला मामला है। शख्स पहली बार मार्च में संक्रमित पाया गया था। पॉजिटिव होने पर उसके अंदर कोरोना के मामूली लक्षण नजर आए।

जबकि, दूसरी बार कोरोना वायरस की चपेट में आने पर उसमें कोई लक्षण नहीं थे। हांगकांग एयरपोर्ट पर की जाने वाली स्क्रीनिंग और टेस्टिंग के दौरान दूसरी बार संक्रमण का पता चला। शोधकर्ता डॉक्टर केल्विन काई-वान्ग टो ने कहा, “ऐसा लगता है कि पहले से कोरोना संक्रमित होने पर वायरस के खिलाफ कुछ लोगों में ज्यादा समय तक इम्युनिटी नहीं रहती है। हमें नहीं पता है कितने लोग कोरोना से दोबारा संक्रमित हो सकते हैं।”

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WHO ने कहा- जल्दबाजी ना करें
लंदन स्कूल ऑफ़ हाइजीन और ट्रोपिकल साइंस के प्रोफ़ेसर ब्रेंडन रेन का कहना है कि दोबारा संक्रमण का बेहद दुर्लभ मामला है। इस शोध को क्लीनिकल महामारी रोग पत्रिका की तरफ से प्रकाशन की अनुमति मिल गई है। इसके बाद विशेषज्ञों ने मुकम्मल नतीजे आने तक सावधानी बरतने की सलाह दी है।

उनका कहना है कि अभी ये शोध का विषय है कि कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके लोगों में वायरस के प्रति सुरक्षा कितनी और कब तक रहती है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि कोरोना को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।

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