मालूम हो कि पिछले कुछ दिनों पहले 36 लोग मक्का से हज करने के बाद घर लौटे थे। मक्का से लौटने के बाद मुंबई एयरपोर्ट पर सभी की जांच की गई। इसके बाद इनको क्वारेंटाइन करने के लिए हाथों पर मुहर लगाई गई थी। उनको कहा गया था कि वे 14 दिन तक क्वारेंटाइन रहेंगे, लेकिन सबको चकमा देने के लिए उन्होंने हाथों पर लगी मुहर को इत्र से मिटा दिया। बाद में जनरल बोगी से ये लोग मुंबई से लखनऊ पहुंचे। इनमें से 45 लोगों को निगरानी में रखा गया है।
इसी तरह इंडोनेशिया एवं अन्य बाहर के देशों से लौटे लोगों ने क्वारेंटाइन किए जाने से बचने के लिए हाथों पर लगी एयरपोर्ट की मुहर को मिटा दिया। जिससे किसी को उनके बाहर से आने का पता न चल सके। वहीं एयरपोर्ट पर चेकिंग के दौरान बचने के लिए कई लोगों ने पैरासिटेमॉल खा ली थी। जिससे थर्मल स्कैनिंग के वक्त उनकी बॉडी का तापमान सामान्य नजर आया, लेकिन असलियत में वे सदी—जुकाम और बुखार से ग्रसित थे। ऐसे लोगों ने अब दूसरों के लिए कोरोना का खतरा ज्यादा बढ़ा दिया है।