संक्रमण का असर मरीज के बोलने की क्षमता पर पड़ रहा है और दिमाग में सूजन के कारण सिरदर्द बढ़ रहा है। ऐसे कई दुर्लभ मामले सामने आ रहे हैं। इनके अलावा गंध सूंघने और अलग-अलग स्वाद को पहचानने की क्षमता भी घट रही है। दुनिया के कई न्यूरोलॉजिस्ट ने इस बात की पुष्टि की है कि ये वायरस दिमाग को भी प्रभावित कर रहा है। विशेषज्ञ इसे ब्रेन डिसफंक्शन कह रहे हैं।
बोलने की क्षमता खो रहा है मरीज विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस से पीड़ित कई मरीजों में सिर दर्द का कारण दिमाग में सूजन का हो जाना है। ये वायरस दिमाग को इस प्रकार प्रभावित कर रहा है कि मरीज अपने बोलने की क्षमता तक खो बैठता है। इतना ही नहीं इस वायरस से पीड़ित मरीज की स्वाद क्षमता और गंध पहचानने की क्षमता भी घट रही है।
दिमाग की कोशिकाएं डैमेज
मिशिगन से एक महिला एयरलाइनकर्मी जिनकी उम्र 50 साल है उनमें कोरोना संक्रमण का मामला सामने आया। इस मामले में ये सामने आया कि कोरोना वायरस दुर्लभ स्थिति में दिमाग को भेदने की क्षमता रखता है। उन्हें सिरदर्द की शिकायत हुई। जब वो डॉक्टर को अपनी तकलीफ बता ही रही थीं कि उन्हें बोलने में दिक्कत होने लगी। इसके बाद जब उनकी स्क्रीनिंग की गई तो सामने आया कि उनके दिमाग के कुछ हिस्सों में सूजन आ गई है। इसके साथ ही उनके दिमाग की कुछ कोशिकाएं भी डैमेज हो गई थीं। डॉक्टरों ने इसे दिमाग की गंभीर स्थिति बताते हुए इसका नाम ‘एक्यूट नेक्रोटाइजिंग एनसेफेलोपैथी’ दिया। अब भी पीड़िता की स्थिति गंभीर बनी हुई है।