script3 घंटे तक जमीन पर पड़ा रहा कोरोना पीड़ित का शव, हॉस्पिटल ले जाने के लिए नहीं आई एंबुलेंस | COVID-19 Patient Died,Dead Body Lied On Road For 3 Hours In Bengaluru | Patrika News

3 घंटे तक जमीन पर पड़ा रहा कोरोना पीड़ित का शव, हॉस्पिटल ले जाने के लिए नहीं आई एंबुलेंस

Published: Jul 04, 2020 12:23:55 pm

Submitted by:

Soma Roy

COVID-19 Patient Died On Road : बेंगलुरु का है मामला, मृतक की पत्नी का कहना है कि एंबुलेंस के देरी से पहुंचने की वजह से उनके पति की मौत हुई है
बेंगलुरु महानगर पालिका ने एंबुलेंस के पहुंचने में हुई देरी को लेकर दी सफाई

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COVID-19 Patient Died On Road

नई दिल्ली। कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) के चलते जहां लोग पहले से ही मुसीबतों से जूझ रहे हैं। वहीं समय पर इलाज और संसाधनों के ना मिलने से कई लोगों अपनों को खोना पड़ रहा है। ऐसी ही एक घटना बेंगलुरु (Bengaluru) से सामने आई है। जहां एक कोरोना मरीज ने सड़त पर तड़प-तड़प कर दम तोड़ (COVID-19 Patient Death) दिया। मृतक की पत्नी का आरोप है कि उनके पति को अस्पताल ले जाने के लिए उन्होंने एंबुलेंस (Ambulance) बुलाई थी। मगर वो वक्त पर नहीं आई। हालत बिगड़ने से उनके पति अचानक सड़क पर गिर गए और उन्होंने दम तोड़ दिया। उनकी डेडबॉडी तकरीबन 3 घंटे तक सड़क पर ही पड़ी रही। जब उनका सब कुछ छिन गया इसके बाद मौके पर अस्पताल की एंबुलेंस आई।
मृतक की पत्नी ने बताया कि उनके पति की गंभीर हालत को देखकर उन्होंने अस्पताल में फोनकर एंबुलेंस बुलवाई थी। वो नहीं चाहते थी कि कोरोना की जानकारी मिलते ही पड़ोसियों में पैनिक क्रिएट हो। इसलिए वो सड़क पर पति के साथ अकेले ही एंबुलेंस की राह देखती रहीं। मगर वक्त रहते इलाज न मिलने से उनके पति की मौत हो गई। इसके लिए वो अस्पताल प्रशासन को दोषी मानती हैं। हालांकि अस्पताल वालों ने इस मसले पर अपनी सफाई पेश की है।
बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) के एक अधिकारी के मुताबिक एंबुलेंस पहुंचने में देरी कम्यूनिकेशन फेलियर की वजह से हुई है। साथ ही शाम को शहर में हुई भारी बारिश के चलते भी एंबुलेंस को पहुंचने में ज्यादा वक्त लगा। वैसे मामले की जांच की जाएगी और घटना में लापरवाही पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मालूम हो कि कुछ दिन पहले भी ऐसा ही एक वाक्या सामने आया था। जिसमें एक हफ्ते पहले एक 52 वर्षीय व्यक्ति की मौत एंबुलेंस में ही हो गई थी। उसे 18 अस्पतालों ने अपने यहां एडमिट करने से मना कर दिया था। इसके चलते अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था।
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