देविका का जन्म केरल के मलप्पुरम में हुआ। लेकिन उसके उसके सामने जीवन की कई चुनौतियां थीं क्योंकि शारीरिक समस्याएं उसे रोक रही थी। लेकिन उसने शारीरिक सीमाओं को कभी आड़े नहीं आने दिया। देविका के दोनों हाथ नहीं हैं। बावजूद इसके उसने अपने पैरों से लिखकर दसवीं की परीक्षा पास की। देविका को बाधाईयों के साथ-साथ उपहार भी मिल रहे हैं।
देविका ने बिना हाथों के जन्म जरुर लिया, लेकिन उसकी मां सुजीत ने उसे कभी ये महसूस नहीं होने दिया कि उसके पास हाथ नहीं हैं। एक दिन मां ने देविका के पैर की उंगलियों के बीच एक पेंसिल बांध दी थी। इसके बाद देविका ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उस दिन के बाद एक अक्षर से लेकर वो हर चीज पैर से लिख लेती है। पिता सजिव और मां सुजीत दोनों देविका को पढ़ने में सहयोग करते हैं। वहीं अब देविका आईएएस बनने का सपना देख रही हैं।