बिटिया आपको गर्व होगा… उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए कहा, ”बिटिया आरू, जब आप बड़े होकर देश के शहीदों के बारे में सुनोगी तो तुम्हें फर्क होगा। तुम अपने शहीद पिता की अंगुली पकड़कर बड़ी नहीं होगी, मगर उनकी शहादत के किस्से तुम्हें रोज सुनने को मिलेंगे।” उन्होंने लिखा कि जब भी अपने पिता की याद आए तो याद रखना कि कुछ अभाव चुभते हैं मगर तुम्हारे पिता की तरह देश के लिए कुर्बान होने का गौरव सबका नसीब नहीं होता।
तुमने तिरंगे को छुआ और फिर बिना रोए कॉफिन पर ही लेट गई… उन्होंने कहा कि आप बिना रोये शहीद के कॉफिन पर बैठे और उसपर लेट गए। उसके कुछ क्षण पहले आपने अपने पिता का चेहरा देखा। यह बहुत भावुकतापूर्ण दृश्य था। मैं और सेना के सभी अधिकारी तुम्हे देख रहे थे, सभी अलग अलग तरीके से सोच रहे होंगे मगर सोच का केन्द्र तुम्हारी मासूमियत और तुम्हारे शहीद पिता थे। आरू, तुम्हारे साथ पूरे क्षेत्र ही नहीं देश के हर ज़िम्मेदार संवेदनशील नागरिक की दुआएं और आशीर्वाद है । तुम खूब पढ़ना, बढ़ना और अपने पिता की गौरवमयी शहादत को अपना नूर और ग़ुरूर बनाना ।
जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में हुए थे शहीद बता दें, राजस्थान के झालावाड़ के लडानिया गांव निवासी 25 वर्षीय मीणा 11 जुलाई को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए देश के लिए शहीद हो गए थे। शनिवार को शहीद मीणा का अंतिम संस्कार कल पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया था।