हमारे हिंदू धर्म में जब शव का अंतिम संस्कार किया जाता है कि तब उसे अग्नि देते हुए इस बात का एहसास कराया जाता है कि अब इस संसार से उसका नाता खत्म हो चुका है। इस धरती से उसका हिसाब पूरा हो चुका है। अब ना तो उसका अब शरीर से कोई संबंध है और न ही उन लोगों से जो कि उसके परिवार के सदस्य है। उसकी अब एक अलग दुनिया है जहां लौट जाना ही उसके लिए उचित है। लेकिन संसार की माया को त्यागना इतना आसान नहीं होता,और ऐसे में यदि परिवार का सदस्य या कोई प्रियजन शवदाह कर वापस लौटते है और उस दौरान पीछे मुड़कर देखते है तो आत्मा का लगाव अपने परिवार के प्रति और अधिक बढ़ जाता है। और परलोक गमन करने में उसे कष्ट होता है। अगर कोई इस गलती को कर बैठता है तो मृतक की आत्मा अपने परिजनों के साथ-साथ पीछे-पीछे वापस आ जाती है।
अंतिम संस्कार से लौटकर छूनी चाहिए ये वस्तुएं