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आखिर क्यों सोनिया गांधी की ये बात सुन नरसिम्हा राव का परिवार बिफर पड़ा था, ये है वजह

locationनई दिल्लीPublished: Jun 27, 2019 05:23:42 pm

Submitted by:

Prakash Chand Joshi

भारत के 10वें प्रधानमंत्री बने थे राव
अपनी बीमारी के चलते लंबे समय तक अस्पताल में रहे

narasimha rao

क्या सोनिया गांधी पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव का जीते जी ही करवाना चाहती थी अंतिम संस्कार?

नई दिल्ली: 28 जून 1921 को करीमनगर में एक बच्चे ने जन्म लिया, जिसका नाम था पी. वी. नरसिम्हा राव ( P V Narasimha Rao )। भले ही वो आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन आज उनका जन्मदिन है। हैदराबाद ( Hyderabad ) के उस्मानिया विश्वविद्यालय, मुंबई विश्वविद्यालय और नागपुर विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी की। पेशे से कृषि विशेषज्ञ और वकील के बाद उन्होंने अपने कदम राजनीति की तरफ बढ़ाए और देश के प्रधानमंत्री पद पर विराजमान हुए। लेकिन जब वो बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे तब एक ऐसा किस्सा हुआ, जिसे शायद कभी भुलाया न जा सके।

narasimha rao

वैसे तो देश के पूर्व पीएम पी वी नरमिम्हा राव 9, मोती लाल नेहरू मार्ग स्थित आवास में रहते थे। लेकिन जून 2004 में वो एम्स ( aims ) में भर्ती हो गए क्योंकि उनका दिल, फेफड़ों में शिकायत, किडनी की जांच के लिए स्पेशल वॉर्ड में भर्ती करा दिया गया। लेकिन इसके बाद उनकी तबीयत और खराब हो गई क्योंकि उनकी पेशाब नली में इनफेक्शन हो गया था। इसके लिए डॉक्टर ( Doctor ) ने दवाई दी तो उनके दिमाग पर असर हुआ। इसके बाद उन्होंने खाना पीना ही बंद कर दिया। ऐसे में परिवार को गृह मंत्री शिवराज पाटिल का कॉल आया कि कांग्रेस ( Congress ) अध्यक्ष सोनिया गांधी मिलना चाहती हैं।

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इसके बाद सोनिया गांधी, ( Sonia Gandhi ) पाटिल और अहमद पटेल अस्पताल राव से मिलने पहुंचे। पटेल ने राव को पानी का गिलास दिया, जिस पर राव गुस्से में बोले तुम लोग मुझ पर मस्जिद तुड़वाने का आरोप लगाते हो और अब पानी पिलाते हो। हालांकि राव धीरे-धीरे बोल रहे थे, लेकिन वो चुप नहीं हुए और बोलते रहे। उन्होंने कहा गलतियां किस से नहीं होती। मगर मुझे ऐसी गलती के लिए जिम्मेदार क्यों ठहराया जा रहा है जो मैंने की ही नहीं। इसके बाद रात 2:30 बजे सोनिया अस्पताल से रवाना हुई और इसके बाद उन्हें नींद का इंजेक्शन दिया गया। हालांकि जब वो सुबह उठे तो उन्होंने पूछा कि क्या मैंने कल रात कुछ ज्यादा तो नहीं बोला। वहीं सोनिया गांधी का एक सहयोगी 10 दिसंबर 2004 को अस्पताल ( hospital ) पहुंचा क्योंकि राव की तबीयत और भी ज्यादा खराब हो गई थी। सहयोगी ने परिवार वालों से पूछा कि अंतिम संस्कार कहां करवाना चाहेंगे। परिवार वाले बिफर गए और बोले कि अभी राव जिंदा हैं और इसके बाद राव 13 दिन और जिंदा रहे। उनका देहांत 23 दिसंबर 2004 को हुआ।

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