असल में बच्चे इसे पचा नहीं पाते हैं लेकिन लेकिन शिशु के आंत में माइक्रोबायोटा के विकास में प्रिबॉयोटिक के तौर पर काम करते हैं। माइक्रोबायोटा एलर्जी की बीमारी पर असर डालता है। इस शोध का प्रकाशन जर्नल ‘एलर्जी’ में किया गया है। शोध में एक साल की उम्र होने पर बच्चे की त्वचा की जांच की गई, जिसमें पाया गया कि स्तनपान करने वाले शिशुओं ने खाद्य पदार्थ की एलर्जी के प्रति संवेदनशीलता नहीं दिखाई।
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कनाडा के विनीपेग में मैनिटोबा विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर मेघन आजाद ने कहा, “परीक्षण में पॉजिटिव लक्षण का पाया जाना जरूरी नहीं है कि वह एलर्जी का साक्ष्य हो, लेकिन यह उच्च संवेदनशीलता का संकेत अवश्य देता है।” उन्होंने कहा, “बाल्यावस्था के संवेदीकरण हमेशा बाद के दिनों तक नहीं बने रहते हैं, लेकिन वे भविष्य में एलर्जी बीमारी के महत्वपूर्ण नैदानिक संकेतक और संभावनाओं को उजागर करते हैं।”