हम जानते हैं कि पाकिस्तान आर्थिक दृष्टि से एक कमजोर देश है, ऊपर से दिन प्रतिदिन बढ़ती आबादी की वजह से भी यह देश पिछड़ा हुआ है। हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी जिसमें इस बात का खुलासा किया गया था कि इंसानों के साथ साथ पाकिस्तान में गधों की आबादी भी बढ़ती जा रही है।
हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि वहां की सरकार गधों की संख्या में वृद्धि के लिए अरबों रुपये खर्च करती है। अब आप यही सोच रहे होंगे कि आखिर बाकी सभी विकास कार्यों को छोड़कर वहां की सरकार गधों को लेकर इतनी चिन्तित क्यों है? आइए इस बात की पूरी जानकारी हम आपको देते हैं।
जैसा कि हम जानते हैं कि चीन और पाकिस्तान के बीच रिश्ता बेहतर है और इस वजह से चीन काफी बड़े पैमाने पर इन गधों की खरीदारी पाकिस्तान से करता है। चीन में गधों की मांग काफी ज्यादा है क्योंकि चाइना में गधों के मांस को खाना लोग काफी पसंद करते हैं।
हेल्थ फूड और पारंपरिक दवाओं को बनाने में भी गधों की खाल का उपयोग किया जाता है। इन खालों से बनने वाले जिलेटिन की मांग चाइना में बहुत ज्यादा है। इस प्रकार के जिलेटिन को चाइनीज इजीयो के नाम से बुलाते हैं। इजीयो का उपयोग कई महत्वपूर्ण चीजों को बनाने में किया जाता है।
प्राचीन काल में ब्लड सर्कुलेशन को सुचारू रूप से चलाने के लिए चाइनीज इजीयो से बनने वाली पारंपरिक दवाई का इस्तेमाल करते थे। इन सभी कारणों के चलते पाकिस्तान से इन गधों की खरीदारी चीन करता है।
गधों के निर्यात से पाकिस्तान की अच्छी खासी आमदनी भी हो जाती है। इसलिए गधे पाकिस्तान के सकल राष्ट्रीय उत्पाद का एक अहम हिस्सा है। यहां तक कि गधों की आबादी को बढ़ाने और चीन को आकर्षित करने के लिए यहां की सरकार ‘गधा विकास कार्यक्रम’ भी चलाती है जिसमें अरबों का निवेश किया जाता है।