नेहा ने मकान मालिक के वॉट्सऐप पर मैसेज भेज उनसे पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगी। नेहा की इतनी बड़ी डिमांड पर बच्चे के पिता ने कहा कि उनके पास इतने पैसे नहीं है। फिरौती की रकम के लिए काफी मोल-भाव हुआ, जिसके बाद सौदा दो करोड़ रुपये पर आकर फिक्स हो गया। अपहृत बच्चे (3) के पिता पेशे से एक फाइनेंसर हैं, जो दिल्ली के वसंत कुंज में अपने परिवार के साथ रहते हैं। फाइनेंसर ने 11 अक्टूबर को पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस ने बच्चे की तलाश शुरू कर दी। अभी तक किसी को इस बात की भनक नहीं लगी थी कि बच्चे का अपरहण करने वाली कोई और नहीं बल्कि उनकी किराएदार नेहा ही है।
इस पूरे मामले पर दक्षिण-पश्चिमी जिला के डीसीपी देवेंद्र आर्य और एसीपी रमेश कक्कड़ की भी नज़रें थीं। बच्चे को सुरक्षित खोज निकालने के लिए संजीव कुमार की अगुवाई वाली एक टीम बनाई गई। जिसके बाद पुलिस ने धड़ाधड़ सीसीटीवी फुटेज खंगाल डाले और मोबाइल सर्विलांस की मदद से बच्चे तक जा पहुंची और उसे बचा लिया। पुलिस ने बताया कि जिस वॉट्सऐप नंबर से पीड़ित के पास फिरौती के लिए मैसेज आया था, उस पर मोबाइल हॉटस्पॉट का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसके बाद पुलिस ने किराए पर रहने वाली नेहा से भी पूछताछ की। पुलिस की पूछताछ में नेहा ने अपनी सारी करतूत को खुद-ब-खुद बता दिया।