पैसे लेने के लिए बैंक पहुंचे ग्रामीण
दरअसल सिगरियावां गांव में रहने वाले 55 वर्षीय महेश यादव की मंगलवार की सुबह बीमारी के चलते मौत हो गई। मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए पैसे को लेकर गांव के लोग बैंक जाकर बैंक स्टाफ से उसके खाते से पैसे निकालने की मांग करने लगे। लेकिन खाता धारक के पास ना होने से बैंक मैनेजर ने पैसे देने से साफ इंकार कर दिया।
तीन घंटे बाद हुआ मामला शांत
पैसा ना निकालने पर गांववाले लड़ाई झगड़े पर तारू हो गए। जब बात नही बनी तो वे लोग महेश यादव की लाश को लेकर बैंक जा पहुंचे। और ग्रामीण बैंक के अंदर लाकर रख दिया। इस नजारे को देखकर बैंक में मौजूद हर की हरान रह गया। लगभग तीन घंटे तक लाश बैंक में पड़ी रही। 3 हालांकि माहौल को बिगड़ता देख खुद बैंक मैनेजर ने अपनी जेब से दस हजार रुपये दिए। तब जाकर यह पूरा मामला शांत हुआ.पैसे मिल जाने पर ग्रामीण मृतक महेश यादव की लाश को अंतिम संस्कार के लिए ले गए।
नॉमिनी न होने के कारण नहीं दिए पैसे
बता दें कि मृतक का कोई अपना नही था ना ही उसकी शादी हुई थी। और उसके बैंक खाते में एक लाख अठारह हजार रुपये थे। लेकिन इस खाते का कोई नॉमिनी नहीं होने के चलते बैंक ने उसका पैसा देने से इंकार कर दिया था।