क्या है सच्चाई?
पत्रिका फैक्ट फाइंडर टीम को जब मैसेज का पता चला तो जांच—पड़ताल शुरू की गई, जिसमें यह मैसेज पूरी तरह फर्जी निकला। दरअसल, सरकार ऐसी किसी योजना के फॉर्म आधिकारिक वेबसाइट पर भरवाती हैं, ना कि किसी ब्लॉग पर। सरकार की तरफ से भी कहा गया है कि सरकार ऐसा कोई फार्म नहीं भरवा रही है।
PIB Fact Check ने भी बताया फर्जी
पीआईबी फैक्ट चेक ने भी इस दावे को फर्जी करार दिया है। पीआईबी ने कहा है कि केंद्र सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है।