शास्त्रों के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी पर चंद्रमा ( Moon on Ganesh Chaturthi ) को नहीं देखना चाहिए। ऐसा करने से आप पर झूठा आरोप या कलंक लग सकता है। बता दें कि इस चतुर्थी को कलंक चतुर्थी, कलंक चौथ और पत्थर चौथ भी कहा जाता है। आइए जानते हैं, इस चतुर्थी पर चंद्रमा देखने पर पाप क्यों लगता है और इसके दोष निवारण के लिए क्या करना चाहिए?
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चतुर्थी पर क्यो नहीं देखना चाहिए चंद्रमा?
कथाओं के अनुसार, द्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर भगवान गणेश अपने प्रिय मोदक का सेवन कर रहे थे। उसके पास मोदक और लड्डुओं के थाल भरे हुए रखे थे। गणेश मोदक खा रहे थे। तभी वहां चंद्रदेव आ जाते हैं और गणेश को लड्डु खाते देखते हैं। गणेश जी की सूंड और उनके मोटे पेट का चंद्र ने खूब उपहास उड़ाया। इससे क्रोधित होकर गणेशजी ने चंद्रमा को श्राप दे दिया और कहा कि तुम अपने सुंदर स्वरूप को खो दोगे, तुम्हारी सारी कलाएं नष्ट हो जाएंगी और आज के दिन जो भी तुम्हारा दर्शन करेगा वह भी कलंकित हो जाएगा। इस पर चंद्र देव को अपनी भूल का आभास हुआ और वे गणेश जी से क्षमा मांगी। इस पर गणेशजी ने उन्हें माह के 15 दिन कलाएं घटने और 15 दिन कलाएं बढ़ने का वर दिया।
इस मंत्र का करें जाप
गणेश चतुर्थी पर अगर आपने गलती से चांद देख लिया है तो आपको इस दौरान एक खास मंत्र का जाप कर लेना चाहिए। ये हैं मंत्र- सिंह: प्रसेन मण्वधीत्सिंहो जाम्बवता हत:. सुकुमार मा रोदीस्तव ह्येष:स्यमन्तक:।।