ये शख्स जर्मनी का रहने वाला है। जब ये शख्स 91 वां डोज लगवाने के लिए वैक्सीनेशन सेंटर पहुंचा तब उसे हिरासत में लिया गया। शख्स 60 साल का है और इसे एडिनबर्ग में वैक्सीनेशन सेंटर पर पकड़ा गया। न ही इस बुजुर्ग की पहचान उजागर की गई है और न ही इस बात की जानकारी दी गई है कि इतने डोज लेने के बाद उसपर क्या प्रभाव पड़ा है।
क्यों लगवाए 90 डोज?
जब इस शख्स से पूछताछ की गई तो पता चला कि इसने केवल फर्जी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के लिए इतने डोज लगवाए। ये शख्स वैक्सीन लगवाने के बाद जो वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट मिलता उसे दूसरों को बेचता था। वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में सभी चीजें जस की तस रहती थीं केवल वो दूसरों का नाम डलवाकर उसे मुंह मांगी दाम पर बेच देता था। इस शख्स से वो लोग सर्टिफिकेट खरीदते थे जिन्हें सुई से डर लगता है या फिर वो वैक्सीन की डोज नहीं लगवाना चाहते थे।
क्यों लगवाए 90 डोज?
जब इस शख्स से पूछताछ की गई तो पता चला कि इसने केवल फर्जी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के लिए इतने डोज लगवाए। ये शख्स वैक्सीन लगवाने के बाद जो वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट मिलता उसे दूसरों को बेचता था। वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में सभी चीजें जस की तस रहती थीं केवल वो दूसरों का नाम डलवाकर उसे मुंह मांगी दाम पर बेच देता था। इस शख्स से वो लोग सर्टिफिकेट खरीदते थे जिन्हें सुई से डर लगता है या फिर वो वैक्सीन की डोज नहीं लगवाना चाहते थे।
पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है कि आखिर किस आधार पर ये बुजुर्ग वैक्सीन लगवाता था और सर्टिफिकेट हासिल करता था। बता दें कि जर्मनी के कई लोग वैक्सीन का विरोध कर रहे हैं परंतु जर्मनी सरकार द्वारा सर्टिफिकेट अनिवार्य किये जाने से उनके लिए वैक्सीन के डोज लगवाना मजबूरी बन गई है।
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