दरअसल मुर्गी अपने अंडों को से रही थी। अचानक वहां कुछ दूर जाकर बैठ गई। वहां पर मौजूद ग्रामीणों ने देखा कि मुर्गी बहुत देर से एक ही स्थान पर बैठी हुई है। ग्रामीण (Ichhapur village News) को लगा कि मुर्गी ने अंडे दिया होगा लेकिन जब उन्होंने मुर्गी को उठाकर देखा तो दंग रह गए मुर्गी ने अंडे की जगह एक चूजे को जन्म दिया था।
सोशल मीडिया में बचा चर्चा का विषय सोशल मीडिया पर भारत के ओडिशा का नुआपाड़ा जिला इन दिनों छाया हुआ है। इस जिले में रहने वाले एक किसान की मुर्गी के कारण उसकी काफी चर्चा हो रही है। घटना नुआपाड़ा जिले के कोमना प्रखंड की साराबोंग पंचायत के इच्छापुर गांव का है। यहां रहने वाले अंबिका माझी की मुर्गी ने 9 अंडे दिए थे।
आसपास नहीं दिखा कोई टूटा अंडा बताया जा रहा है कि मुर्गी अपने अंडों को से रही थी। अचानक वह कुछ दूर जाकर बैठ गई और काफी देर तक वहीं बैठी रही थी। अंबिका माक्षी और वहां मौजूद लोगों की नजर जब उस पर पड़ी तो उन्हें लगा कि मुर्गी ने अंडा दिया होगा। वह मुर्गी के पास पहुंचे और उसे उठाकर देखा तो हैरत में पड़ गए। मुर्गी ने अंडे की जगह चूजे को जन्म दिया था। लोगों ने आसपास देखा की कहीं कोई टूटा हुआ अंडा तो नहीं है लेकिन वहां ऐसा कुछ भी नहीं मिला।
डॉक्टर ने बताई ये वजह आसपास रह रहे ग्रामीणों के मुताबिक चूजा कुछ देर तक जिंदा रहा, लेकिन फिर मर गया। इस विचित्र घटना को लेकर गांव में चर्चा रही है। इस घटना को लेकर नुआपाड़ा जिले के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. त्रिलोचन ढल ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसी घटना कभी नहीं देखी है। लेकिन उन्होंने बताया कि संभवत: मुर्गी के प्रजनन तंत्र में ही वो अंडा बाहर आने की जगह विकसित हो गया होगा जिससे चूजे का जन्म हुआ। उन्होंने कहा कि शरीर से बाहर आने के बाद 21 दिनों तक मुर्गी अपने अंडे को सेती है जिससे चूजे का जन्म होता है।
गौरतलब है कि इससे पहले साल 2018 में केरल के वायनाड और साल 2012 में श्रीलंका में भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। पहाड़ी क्षेत्र में एक मुर्गी ने बिना अंडा दिए पूर्ण रूप से विकसित एक चूजे को जन्म दिया था। हालांकि, अंदरूनी जख्म की वजह से मुर्गी की मौत हो गई थी।