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अरबपति के बेटे का चौंकाने वाला कारनामा, भारत के हर युवा को दे गया सीख

Published: Jun 07, 2018 11:07:25 am

Submitted by:

Arijita Sen

हम एक ऐसे लड़के के बारे में बताने जा रहे हैं जो अरबों की संपत्ति का मालिक होने के बावजूद एक ऐसे काम को अंजाम दिया जो कि वाकई में काबिले तारीफ है।

Hitarth Dholakia

अरबपति के बेटे का चौंकाने वाला कारनामा, भारत के हर युवा को दे गया सीख

नई दिल्ली। दुनिया में लगभग हर इंसान शाही जिंदगी जीने का ख्वाब देखता है। महंगी गाड़ियां,आलीशान बंगले, शाही रहन-सहन ये ज्यादातर लोगों के लिए किसी सपने से कम नहीं है। अगर किसी को जिंदगी में एकबार इन सारी सुविधाओं का चस्का लग जाए तो उसके लिए आम जिंदगी जीना काफी मुश्किल है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे लड़के के बारे में बताने जा रहे हैं जो अरबों की संपत्ति का मालिक होने के बावजूद एक ऐसे काम को अंजाम दिया जो कि वाकई में काबिले तारीफ है।

 

Hitarth Dholakia

हम यहां बात कर रहे हैं अरबों की कंपनी हरे कृष्णा डायमंड एक्सपोर्ट्स के मालिक घनश्याम ढोलकिया के बेटे हितार्थ ढोलकिया की। दरअसल हितार्थ के साथ कुछ ऐसा हुआ कि उसने एक महीने के लिए अपनी ऐशो-आराम की जिंदगी को त्यागकर एक आम व्यक्ति की तरह दिन गुजारे। एक सामान्य युवक अपनी जिंदगी में जिन कठिनाइयों का सामना करता है, हितार्थ ने वो सब किया।

 

Hitarth Dholakia

घनश्याम ढोलकिया के सातवें बेटे हितार्थ का इस बारे में कहना था कि, ‘मैंने अमरीका में शिक्षा ग्रहण की है और मेरे पास डायमंड ग्रेडिंग में सर्टिफिकेट भी है, लेकिन हैदराबाद में मुझे इससे कोई खास मदद नहीं मिली। मैं जैसे ही हैदराबाद पहुंचा, नौकरी ढूंढनी शुरू कर दी क्योंकि मेरे पास बिल्कुल पैसे नहीं बचे थे। खुशकिस्मती से सिकंदराबाद में मुझे 100 रुपए में एक कमरा मिल गया। मैं वहां 17 लोगों के साथ एक कमरा शेयर कर रहा था। मेरा अगला काम था अपने लिए एक नौकरी ढूंढना। करीब 3 दिनों तक भटकने के बाद मुझे एक मल्टीनेशनल फूड जॉइंट में नौकरी मिली। वहां मेरी तनख्वाह 4000 रुपये थी। मैं दिए गए चैलेंज के अनुसार वहां 5 दिन तक काम किया और इसके बाद मैनें वो नौकरी छोड़ दी।’

 

Hitarth Dholakia

आपको बता दें कि हितार्थ न्यूयॉर्क से मैनेजमेंट की पढ़ाई की और अब वो अपनी छुट्टियां बिताने भारत अपने घर आया था। इस दौरान हितार्थ के पिता ने उससे इस बात की शर्त रखी कि फैमिली बिजनेस में आने से पहले वो अपने परिवार का नाम बिना इस्तेमाल किए और मोबाइल का यूज किए बिना कुछ ऐसा कर दिखाएं जिससे कि उसे जिंदगी के संघर्षों का अनुभव मिल सके।

हितार्थ के पिता घनश्याम ढोलकिया ने उसे 500 रूपए और एक फ्लाइट का टिकट दिया। टिकट देखकर हितार्थ को पता लगा कि उसे हैदराबाद जाकर अपनी पिता की ओर से दिए गए चैलेंज को पूरा करना है।

 

Hitarth Dholakia

हैदराबाद में हितार्थ की सबसे पहली नौकरी मैकडॉनल्ड में थी। इसके बाद उसने एक मार्केटिंग कंपनी में बतौर डिलीवरी बॉय के रूप में काम किया। एक शू कंपनी में वो सेल्समैन भी बना। इस तरह उसने 4 सप्ताह में 4 नौकरियां कीं और महीने के अंत तक 5000 रुपये कमाए। इस दौरान उसने किसी से भी इस बात का जिक्र नहीं किया कि वो हरे कृष्णा डायमंड एक्सपोर्ट्स के मालिक घनश्याम ढोलकिया के बेटे हैं।

 

Hitarth Dholakia

एक महीने की समयावधि पूरा हो जाने के बाद उसने फोन कर इस बात की सूचना अपने परिवार को दी। खबर मिलते ही हितार्थ के परिवार वाले उससे मिलने हैदराबाद आए और उस दुकान पर गए जहां उसने काम किया।

हितार्थ ने जिस बखूबी से अपने चैलेंज को पूरा किया वो वाकई में प्रशंसनीय है क्योंकि एकबार अमीरी की लत लग जाने पर उसे छोड़कर एक सामान्य जिंदगी गजारना वाकई में मुश्किल है।

 

 

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