इस सब्जी के महंगे होने का कारण इसमें मौजूद ढ़ेर सारे औषधीय गुणों का होना है। दरअसल हॉप शूट्स में कई तरह के एंटीबायॉटिक पाए जाते हैं। इसका इस्तेमाल कई दवाओं में किया जाता है। ये दांत का दर्द को दूर करने और टीबी के इलाज में काफी कारगर है। इसके फूल स्वाद में तीखे होते हैं। अमूमन लोग इसकी टहनियों का इस्तेमाल सब्जी बनाने में करते हैं। कुछ लोग इसे बतौर सलाद भी खाते हैं।
हॉप शूट्स के फूल का इस्तेमाल बीयर बनाने में भी होता है। 800 ईस्वी के आसपास लोग इसे बीयर में मिलाकर पीते थे और तब से लेकर आज तक ये इसी तरह प्रयोग किया जाता है। इस सब्जी की सबसे पहले खेती उत्तरी जर्मनी में शुरू हुई थी। उसके बाद यह धीरे-धीरे पूरे विश्व में फैल गई। कुछ लोग हॉप शूट्स को कच्चा भी खाते हैं। लोगों का मानना है कि इसे खाने से बीमारियां दूर रहती हैं। जर्मनी में इसकी टहनियों से अचार बनाया जाता है, जो वहां के लोगों को काफी पसंद है।
शिमला में हॉप शूट्स जैसी मिलती है सब्जी
हॉप शूट्स की तरह भारत में भी एक ऐसी दुर्लभ सब्जी मिलती है जो देखने में काफी कुछ वैसी ही है। यहां तक गुणों के मामले में भी ये हॉप शूट्स के समान है। इस सब्जी का नाम गुच्छी है। इसमें मौजूद औषधीय गुणों के कारण ये 30 से 40 हजार रुपए प्रति किलो बिकती है। ये शिमला में पाई जाती है। गुच्छी का एक नाम स्पंज मशरूम भी है। कहा जाता है कि इसे खाने से दिल की बीमारी नहीं होती है क्योंकि इसमें विटामिन-बी, डी, सी और के पाया जाता है।
हॉप शूट्स की तरह भारत में भी एक ऐसी दुर्लभ सब्जी मिलती है जो देखने में काफी कुछ वैसी ही है। यहां तक गुणों के मामले में भी ये हॉप शूट्स के समान है। इस सब्जी का नाम गुच्छी है। इसमें मौजूद औषधीय गुणों के कारण ये 30 से 40 हजार रुपए प्रति किलो बिकती है। ये शिमला में पाई जाती है। गुच्छी का एक नाम स्पंज मशरूम भी है। कहा जाता है कि इसे खाने से दिल की बीमारी नहीं होती है क्योंकि इसमें विटामिन-बी, डी, सी और के पाया जाता है।