ईकॉमर्स के क्षेत्र में कॅरियर की शुरुआत बारहवीं के बाद ही की जा सकती है। बारहवीं के बाद ई-कॉमर्स में प्रमाणपत्र, वेब और ई-कॉमर्स प्रौद्योगिकी में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम, बैचलर ऑफ ई-कॉमर्स, बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इन ई-कॉमर्स आदि उपलब्ध हैं। इसके अलावा स्नातकोत्तर स्तर के भी पाठ्यक्रम हैं जो इस प्रकार हैं- एमबीए इन ई-कॉमर्स, मास्टर इन ई-कॉमर्स, मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग इन ई-कॉमर्स, मास्टर ऑफ साइंस इन ई-कॉमर्स एप्लीकेशन्स, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन ई-कॉमर्स एप्लीकेशन्स, पीजी डिप्लोमा इन इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट इन ई-कॉमर्स, ई-कॉमर्स विजुअल एप्लीकेशन डवलपर आदि।
विश्व प्रसिद्ध ग्लोबल डेटा एजेंसी स्टेटिस्टा की कोविड-19 के बाद जिंदगी में आने वाले बदलाव के बारे में जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक 46 प्रतिशत लोग अब भीड़भाड़ में नहीं जाएंगे। ऐसे में भारत में भी ऑनलाइन खरीदारी तेजी से बढऩे के संकेत हैं।
डेलॉय इंडिया और रिटेल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत का ई-कॉमर्स बाजार वर्ष 2021 तक 84 अरब डॉलर का हो जाएगा, जो कि 2017 में महज 24 अरब डॉलर था। वर्ष 2027 तक यह कारोबार 200 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। देश में इंटरनेट के उपयोगकर्ताओं की संख्या इस समय करीब 62 करोड़ से भी अधिक होने के कारण देश में ई-कॉमर्स की रफ्तार भी काफी तेजी से बढ़ रही है।
कोविड-19 के बीच भारत में ई-कॉमर्स बाजार पर अधिकार करने के लिए दुनियाभर की बड़ी-बड़ी ऑनलाइन कंपनियों के साथ-साथ भारत के व्यापारिक संगठनों के द्वारा भी स्थानीय किराना दुकानों व कारोबारियों को ऑनलाइन जोडऩे के प्रयास की नई रणनीति बनाई जा रही है।