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खाना खाने से बढ़ सकता है अकेलापन, सीमित मात्रा में खाने वाले मेलजोल में भी पीछे

एक अमेरिकी अध्ययन में हुआ खुलासासीमित मात्रा में खाने वाले अकेलापन महसूस करते हैं

Dec 25, 2019 / 02:29 pm

Piyush Jayjan

Food

नई दिल्ली। हर घर में त्योहारों के सीजन में मिठाइयां के साथ-साथ कई तरह के पकवान बनाएं जाते है जिन्हें कई लोग बड़े चाव से खाते हैं। इसी बारे में हाल ही में एक रिसर्च की गई। इस रिसर्च में बताया गया कि अक्सर इस दौरान सीमित मात्रा में खाना खाने वाले लोग खुद को अकेला महसूस करते हैं, क्योंकि वे अपना मनपसंद पकवान नहीं खा पाते।

यह अकेलापन आपको बच्चों और बड़ों दोनों में मिलता है। डाइट प्लान के हिसाब से खाना खाने वाले लोग जब भी किसी पार्टी में शरीक होते हैं, तो शारीरिक रूप से तो वहां भले ही माैजूद होते हैं। लेकिन खाने की मेज पर दूसरों के साथ वो अपनी बॉन्डिंग नहीं बना पाते।

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ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनके मन में यहीं बात घर कर लेती है कि उन्हें एक सीमित मात्रा में कैलोरीज का सेवन करना है। इस रिसर्च से जुडे एक शोधकर्ता का मानना है कि हमने अध्ययन में बिना किसी डाइट प्लान के खाना खाने वाले लोगों को जब सीमित मात्रा में खाने के लिए कहा।

ऐसे में हमने पाया कि उनके अंदर अकेलेपन की भावना बढ़ गई। इसके बाद हमने यहूदियों के त्योहार पास ओवर के दौरान ऐसा ही भी ऐसा ही एक सर्वे किया। इस सर्वे में भी जब लोगों को हमने जब बार-बार सीमित मात्रा में खाने की बात याद दिलाई तो वे अपने खाने का मज़ा नहीं ले सकें।

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इसके उलट बल्कि वेे खुद को अकेला महसूस करने लगे। हालांकि इस तरह की भावनाएं बच्चों में इसलिए कम होती हैं क्योंकि उनकी उम्र में चीजों की परवाह न करना आसान काम है। जबकि वयस्क अपने आस-पास की चीजों को लेकर सोचते हैं। यहीं वजह है कि वो इस बारे में जरूरत से ज्यादा सोच लेते है।

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