जिस काम को करने में डर लगता है उसको करने का नाम ही साहस है। ये लाइन इस लड़की पर बिलकुल सटीक बैठती है। साहस का परिचय देते हुए 21 साल की ये लड़की जिगर के टुकड़े को बचने के लिए बाघ से भिड़ गई।
दुबली-पतली इस लड़की ने बाघ के दिए गए जख्म लेकर जब अपनी आपबीती सुने तो सब दंग रही गए।
असल में रुपाली और उसका परिवार पूर्वी विदर्भ में भंडारा जिले के नागझिरा इलाके में वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी के पास बसे एक गांव में रहता है।
उसकी मां और भाई वन विभाग के लिए दिहाड़ी पर काम करते हैं। उन्होंने कुछ बकरियां पाल रखी हैं ताकि कुछ और रुपए बच सकें।
आपबीती बताते हुए रुपाली कहा मैंने रात में बकरी के मिमियाने की आवाज सुनी बाहर गई तो मैंने एक साया देखा वो एक बाघ था, मेरी बकरी घायल खून में लथपथ थी।
इसके बाद से बकरी से दूर करने के इरादे से रुपाली ने एक लकड़ी उठाकर बाघ पर वार किया। लकड़ी की मार पड़ते ही बाघ ने उन पर धावा बोला। लेकिन रुपाली ने हार नहीं मानी और घायल होने के बाद भी उस बाघ को खदेड़ दिया।