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भारत के इस शख्स के ज्ञान के आगे कंप्यूटर भी था फेल, दुनिया होती है नतमस्तक

आज हम आपको एक ऐसी शख्सियत के बारे में बताएंगे जिनका दिमाग कंप्यूटर से भी तेज था। उनके पास जो डिग्रियां थी उसके बारे में पढ़ते-पढ़ते ही लोग थक जाएं।

नई दिल्लीSep 20, 2018 / 02:24 pm

Priya Singh

भारत के इस शख्स के ज्ञान के आगे कंप्यूटर भी था फेल, दुनिया होती है नतमस्तक

नई दिल्ली। अगर आप आइएएस हैं तो आपके पास एमबीए की डिग्री नहीं होगी, एमबीए हैं तो लॉयर की डिग्री नहीं होगी और अगर लॉयर हैं तो पेंटर या फोटोग्राफर की कोई क्वालिफिकेशन नहीं होगी। लेकिन अगर आपको ये बताया जाए कि एक इंसान ऐसा भी था जिसके पास हर वो डिग्री थी जो अभी आपके दिमाग में घूम रही है या जिसे लेने का कभी आपने सपना देखा होगा तो क्या आपको हमारी बात पर यकीन होगा? आज हम आपको एक ऐसी शख्सियत के बारे में बताएंगे जिनका दिमाग कंप्यूटर से भी तेज था। उनके पास जो डिग्रियां थी उसके बारे में पढ़ते-पढ़ते ही लोग थक जाएं, पता नहीं उन्होंने इससे जुड़ी पढ़ाई कैसे की होगी?

डॉ श्रीकांत जिचकर के नाम भारत के सबसे अधिक शिक्षित व्यक्ति होने का रिकॉर्ड दर्ज है। 51 वर्षीय डॉ श्रीकांत का निधन 2004 में नागपुर में एक कार दुर्घटना में हुआ। डॉ श्रीकांत जिचकर आज हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनके बनाए हुए रिकॉर्ड को शायद ही कोई कभी चुनौती दे पाए। डॉ श्रीकांत जिचकर ने 40 से अधिक यूनिवर्सिटी से 20 डिग्रीयां अर्जित की। श्रीकांत जिचकर ने ज्यादातर में प्रथम श्रेणी हासिल की और 28 गोल्ड मैडल जीते। सन 1972 से 1990 के बीच में उन्होंने हर साल गर्मी में और ठंडी में कुल मिलाकर 42 यूनिवर्सिटी परीक्षाएं दीं।

श्रीकांत जिचकर ने अपने करियर की शुरुआत एक डॉक्टर के रूप में की, इसके लिए उन्होंने MBBS, MD की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने कानून की पढाई के लिए LL.B., पोस्ट ग्रेजुएशन इन इंटरनेशनल लॉ LL.M. की डिग्री ली। मास्टर्स इन बिज़नस एडमिनिस्ट्रेशन DBM, MBA की भी डिग्री ली। पत्रकारिता के क्षेत्र में B.Journ की डिग्री ली। श्रीकांत जिचकर ने इन 10 विषयों में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। M.A. (लोक प्रशासन), M.A. (नागरिक सास्त्र), M.A. (अर्थशास्त्र), M.A. (संस्कृत), M.A. (इतिहास), M.A.(इंग्लिश साहित्य), M.A. (दर्शनशास्त्र), M.A. (राजनीति शास्त्र), M.A. (प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व), M.A (मनोविज्ञान)। संस्कृत में D.Litt (डॉक्टर ऑफ़ लेटर्स) की डिग्री ली।

डॉ श्रीकांत जिचकर ने 1978 में सिविल सर्विसेज परीक्षा दी, जिसमें उन्हें IPS (इंडियन पुलिस सर्विस) विभाग मिला। उन्होंने IPS ज्वाइन नहीं किया और फिर से 1980 में सिविल सर्विसेज परीक्षा दी। इस बार उन्हें IAS (इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज) मिला। डॉ जिचकर इस नौकरी में भी ज्यादा दिन नहीं टिके और मात्र 4 महीने बाद ही उन्होंने इस पद से इस्तीफ़ा देकर चुनाव लड़ने का फैसला किया। सन 1980 में डॉ श्रीकांत जिचकर ने महज 25 की उम्र में MLA बनकर सबसे कम उम्र में MLA बनने का रिकॉर्ड बनाया। आगे चलकर डॉ जिचकर गवर्नमेंट मिनिस्टर भी बने। मिनिस्टर के रूप में एक समय डॉ जिचकर 14 से अधिक विभागों का काम देखते थे। इस प्रकार डॉ श्रीकांत का राजनीतिक सफर भी शानदार रहा। हमें गर्व है कि इतने ज्ञानी और प्रतिभावान व्यक्ति होने के बावजूद भी डॉ श्रीकांत जिचकर ने भारत को ही अपनी कर्मभूमि बनाई और देशवासियों की सेवा करने का फैसला किया।

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