एक बार उन्हें लगातार 3 दिन तक एक ही कपड़े में देख प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस पर उन्हें टोक ही दिया। इस पर इंदिरा गांधी ने प्रणब मुखर्जी से पूछ ही लिया कि “तीन दिन से आपने यह शर्ट क्यों नहीं बदली है?”
दरअसल इंदिरा गांधी के टोकने का मतलब यह नही था कि वो उनसे नराज थी, बल्कि मुखर्जी तो उनके खास लोगों में से एक थे इसलिए इंदिरा गांधी ने ना केवल उन्हें राजनीतिक रूप से तैयार किया बल्कि उन्हें राजधानी में एक नेता होने की जीवनशैली भी सिखाई।
कहा जाता है कि जब इंदिरा गांधी ने मुखर्जी को शर्ट की बात को लेकर टोका था तो इस बात को प्रणब जी ने अपनी पत्नी शुभ्रा मुखर्जी से भी बताई थी, और उनकी पत्नी ने भी इजे बात को स्वीकारा ही नही था बल्कि उनके दिल में ऐसी लगी कि उन्होंने अपनी किताब में ही ‘इंदिरा गांधी इन माय आइज’ में इस घटना का जिक्र भी किया।
‘प्रणव मुखर्जी को कई क्षेत्रों में इंदिरा गांधी ने तराशा’
कहा जाता है कि प्रणव मुखर्जी इंदिरा गांधी के लिए तराशे गए किसी अनमोल हीरे से कम नहींं थे। वे उनके साथ एक चाणक्य की तरह काम करते थे संजीदगी के साथ अपनी बात रखना उनकी बड़ी पहचान थी। प्रणव मुखर्जी दिमाग से इतने तेज थे कि सवालों का जवाब वो सेकेण्डों में दे देते थे, उनके सामने गूगल भी फेल था।