संस्थान के अनुसार उपकरण बनकर तैयार हो चुके हैं और शहर के दो क्लीनिकों और एक पैथालॉजी लैब में इसे इंस्टाल किया गया है। इसका परीक्षण चल रहा है। जल्द ही खजराना क्षेत्र में भी मास्क डिटेक्शन मशीन को स्थापित किया जाना है। मास्क डिटेक्शन उपकरण की कीमत बाजार में 15 से 20 हजार रुपए है जबकि संस्थान का दावा है कि उन्होंने इसे आठ से दस हजार रुपए में तैयार किया है। इसके अलावा संस्थान ने ड्रॉप और स्प्रे ऑटोमेटिक सैनिटाइजर मशीन भी तैयार किया है।
आइटी विभाग की प्रो. पूजा गुप्ता का कहना है मास्क डिटेक्शन उपकरण का सॉफ्टवेयर संस्थान में ही तैयार किया गया है। इसे डीप लर्निग और कंप्यूटर की पायथन लैंग्वेज से डिजाइन किया गया है। इस सॉफ्टवेयर को इंटरनेट से भी कनेक्ट किया जा सकता है। अगर किसी घर में पहले से सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, उन्हें इसका सिर्फ सॉफ्टवेयर कंप्यूटर में इंस्टॉल करना होगा। ऐसा करने पर घर के गेट पर अगर कोई व्यक्ति बिना मास्क के आता है तो उसकी पहचान हो जाएगी और सायरन बजने लगेगा।