नई दिल्ली। सदियों से ऐसा कहा जाता रहा है कि महिलाओं से गुप्त बातें नहीं बतानी चाहिए क्योंकि फिर वो बातें गुप्त नहीं रह पाती हैं और इसके पीछे महिलाओं की एक बुरी आदत का हाथ है। ये आदत है चुगली करने की, ऐसा कहा जाता है कि चुगली करने के मामले में महिलाएं पुरुषों के मुकाबले काफी आगे होती हैं। अगर किसी भी महिला के पास कोई राज़ है तो वो ज़्यादा दिनों तक राज़ नहीं रह सकता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाओं की इस बुरी आदत का संबंध महाभारत काल से है।
आपको ये जानकार थोड़ी हैरानी ज़रूर होगी लेकिन ऐसा कहा जाता है कि महिलाओं को चुगली करने की आदत महाभारत काल से है और इसके पीछे एक श्राप का हाथ हैं। महाभारत काल के इसी श्राप की वजह से आज तक महिलाओं में चुगली करने की आदत पाई जाती है। महिलाएं चाहकर भी चुगली करना बंद नहीं कर सकतीं क्योंकि यह उनकी आदत बन गया है और इसे वो चाहकर भी नहीं बदल सकती हैं।
महाभारत में छिपा है महिलाओं की चुगली की आदत का राज़ अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर महाभारत का वो कौन सा श्राप था जिसकी वजह से महिलाओं को चुगली करने की आदत होती है तो हम आपको बता दें कि इस बुरी आदत के पीछे एक लम्बी कहानी है जो महाभारत काल से जुडी हुई है और इसका उल्लेख महर्षि वेदव्यास की महाभारत में मिलता है। वेदव्यास की महाभारत के अनुसार धर्मराज युधिष्ठिर ने ही संसार की समस्त नारी जाति को यह श्राप दिया था कि वो कोई भी बात गुप्त नहीं रख पाएंगी। महिलाओं को दिए गए इस श्राप की वजह जानकार आप हैरान रह जाएंगे।
चुगली की आदत के बारे में महाभारत के शांति पर्व में विस्तृत वर्णन मिलता। शांति पर्व के मुताबिक जब महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ तो कुंती ने युधिष्ठिर को एक ऐसा सच बताया था जिसे सुनने के बाद उन्हें इतना ज़्यादा गुस्सा आया कि उन्होंने गुस्से में दुनिया की समस्त महिलाओं को श्राप दे दिया और इसी श्राप का असर आज तक महिलाओं में देखने को मिलता है।
दरअसल कुंती ने तब युधिष्ठिर को बताते हुए कहा था कि कर्ण तुम्हारा ही भाई था। यह सुनकर पांचों पांडव भाईयों को दुख हुआ था। यह जानने के बाद युधिष्ठिर ने कर्ण का अंतिम संस्कार भी पूरे विधि विधान के साथ किया था। इसके बाद युधिष्ठिर ने संपूर्ण नारी समाज को यह श्राप दिया था कि आज के बाद कोई भी नारी अपने अंदर राज छुपा नहीं पाएगी, यही वजह है कि आजतक महिलाएं किसी गुप्त बात को अपने तक नहीं रख पाती हैं।दरअसल कुंती ने तब युधिष्ठिर को बताते हुए कहा था कि कर्ण तुम्हारा ही भाई था। यह सुनकर पांचों पांडव भाईयों को दुख हुआ था। यह जानने के बाद युधिष्ठिर ने कर्ण का अंतिम संस्कार भी पूरे विधि विधान के साथ किया था। इसके बाद युधिष्ठिर ने संपूर्ण नारी समाज को यह श्राप दिया था कि आज के बाद कोई भी नारी अपने अंदर राज छुपा नहीं पाएगी, यही वजह है कि आजतक महिलाएं किसी गुप्त बात को अपने तक नहीं रख पाती हैं।
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