अपनी शादी से इसलिए भाग खड़े हुए थे करुणानिधि सितंबर 1944 में 20 के करुणानिधि दूल्हा बनकर अपनी दुल्हन के लिए इंतजार मैं बैठे थी। अचानक उस जगह से हिंदी विरोधी रैली निकलती है। करुणानिधि तुरंत ‘तमिल जिंदाबाद, हिंदी मुर्दाबाद’ का नारा लगाते हुए अपनी बारात छोड़कर भाग गए थे। काफी देर इंतजार के बाद भी जब वह वापस नहीं लौटे तो परिवारवाले उन्हें पकड़कर वापस लेकर आए।
करुणानिधि ने की थी तीन शादियां
करुणानिधि ने तीन शादियां की थीं, जिनमें से राजथिया अम्मल के साथ हुई आखिरी शादी को आत्मसम्मान की शादी नाम दिया गया। यह न कोर्ट मैरिज थी और न ही इसमें पुजारी थे। पार्टी के बुजुर्गों से आशीर्वाद लेकर ही शादी संपन्न हुई थी।
सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब बता दें, पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे करुणानिधि को श्रद्धांजलि देने के लिए चेन्नै की सड़कों पर समर्थकों का सैलाब उमड़ा है। पीएम मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, फिल्म स्टार रजनीकांत समेत कई हस्तियों ने चेन्नै पहुंचकर ‘कलाईनार’ के उपनाम से चर्चित डीएमके नेता के अंतिम दर्शन किए।
विदेश में भी शोक की लहर
श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना, पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे समेत कई नेताओं ने करुणानिधि के निधन पर दुख प्रकट किया। श्रीलंका की मुख्य पार्टी श्रीलंका मुस्लिम कांग्रेस के नेता रॉफ हकीम ने ट्वीट किया, ‘एक कलाकार और एक राजनीतिक विचारक के रूप में उनके योगदान की कोई तुलना नहीं है। उनके निधन के साथ तमिलनाडु के राजनीतिक इतिहास का एक महत्त्वपूर्ण चरण समाप्त हो गया।’