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International Girl Child Day 2020: देश की बेटियों को बचाने के लिए सरकार नें बनाए ऐसे अधिकार,आज हैं चुनौती देने को तैयार

locationनई दिल्लीPublished: Oct 11, 2020 02:31:35 pm

Submitted by:

Pratibha Tripathi

आज के दिन पूरे देश में 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस (International Day of the Girl Child) मनाया जाता है।

International Day of the Girl Child

International Day of the Girl Child

नई दिल्ली। पुरुष प्रधान समाज में महिलाएं अपने अधिकारों से वंचित रह जाती थीं, महिलाओं के साथ अत्याचार भी होता आया है। हमेशा से पुरुष वर्ग लड़कियों पर दबाव बनाकर उनके अधिकार सीमित रखने की कोशिश करता रहा है। पर अब सरकार इस सामाजिक बुराई को मिटाने के लिए कई योजना चला रही है। बेटी बचाओं और बेटी पढ़ाओं का सरकार का कदम आज लड़कियों के लिए मजबूत हथियार साबित हुआ है। आज का दिन यानी 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस (International Day of the Girl Child) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का सबसे बड़ा कारण बालिकाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और उनके अधिकारों के संरक्षण के बारे में जागरुकता लाना है। सालों साल पहले से बालिकाओं के साथ रीति रिवाज के नाम पर बाल विवाह करके उनका बचपन छीन लिया जाता था, कन्या होने की सजा उन्हें कोख में ही मार कर दी जाती थी। दहेज प्रथा की लपटों में धकेल कर बच्चियों की किलकारी को हमेशा के लिए खत्म कर दिया जाता था।

बालिकाओं के साथ हो रहे इन अपराधों को देखते हुए सरकार ने उनको अधिकार देने और उनके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कई प्रयास किये हैं। भारत सरकार इन कुरीतियों को समाप्त करने के लिए इस दिशा में लगातार काम करती आ रही है, जिसके जरिए वो आज मजबूती के साथ खड़े होकर पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार हैं। चलिए जानते हैं कि आखिर क्या है इसका इतिहास और महत्व
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस साल 2012 से मनाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देष्य महिला सशक्तिकरण के साथ उन्हें ऐसे अधिकार प्रदान करना है जिसकी मदद से वे आने वाली चुनौतियों का सामना अच्छे से कर सकें, और अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें। साथ ही दुनिया भर में लड़कियों के प्रति होने वाली लैंगिक असामानताओं को खत्म करने के बारे में जागरुकता फैलाना भी है।

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बालिका दिवस मनाने की पहल एक गैर-सरकारी संस्था ‘प्लान इंटरनेशनल’ ने की थी। इस संस्था ने “क्योंकि में एक लड़की हूँ” नाम से एक अभियान शुरू किया। इसके बाद इस अभियान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलाने के लिए कनाडा सरकार से संपर्क किया, तब जा कर कनाडा सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के 55वें आम सभा में इस प्रस्ताव को रखा। अंतत: संयुक्त राष्ट्र ने 19 दिसंबर, 2011 को इस प्रस्ताव को पारित करते हुए 11 अक्टूबर का दिन अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में चुना। इस तरह से 11 अक्टूबर, 2012 से पूरी दुनिया ने बालिका दिवस मनाने की शुरुआत की।

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