script‘तानाशाह’ kim jong un की शोकसभा में रोना है जरूरी, ना रोने पर मिलती है सजाए मौत! | It is necessary to cry in mourning of 'dictator' Kim Jong | Patrika News

‘तानाशाह’ kim jong un की शोकसभा में रोना है जरूरी, ना रोने पर मिलती है सजाए मौत!

locationनई दिल्लीPublished: Dec 12, 2020 08:25:20 pm

Submitted by:

Pratibha Tripathi

kim jong unसाल 2011 में अपने पिता किम जोंग इल की मौत के बाद उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता बने थे।
kim jong un की शोकसभा में ये शर्त को पूरा करना है जरूरी

kim jong un rules

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नई दिल्ली। उत्तर कोरिया एक ऐसा देश है जहां किम जोंग की ‘तानाशाही’ को देख परिंदा भी पर नही मार सकता। किम जोंग के शासनकाल में लोग स्वतत्रं रूप से सांस तक नही ले सकते। उसकी तानाशाही के चर्चे भी काफी सुनने को मिल जाते है। लेकिन इस देश के लोगों में इसकी दहशत इतनी है कि यहां की बातें दूसरी जगह बहुत कम ही पंहुच पाती है। जिसका जीता जागता उदा. है कोरोनावायरस की महामारी के दौरान मिले यहां के आंकड़े जीरों थे। इन आकंड़ो को छुपाने की भी सबसे बड़ी वजह है किम जोंग का तानाशाही।

बता दें कि उत्तर कोरिया में किम जोंग की तानाशाही का एक बड़ा सबूत यह भी है कि इस शासक की शोकसभा में रोने की भी पंरपरा है। अगर कोई इस पंरपरा को अच्छी तरह से नही निभाता है, तो किम परिवार उसे सजा देता है।

यह बात उस समय से है जब साल 2011 में उनके पिता किम जोंग इल की मौत हुई थी और उनकी मौत के बाद किम जोंग उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता बने थे। उनके दादा किम-II सुंग उत्तर कोरिया के संस्थापक और पहले नेता थे, जिनकी मौत साल 1994 में हुई थी। इसके बाद किम जोंग के पिता किम जोंग इल ने सत्ता संभाली। कहते हैं कि उत्तर कोरिया में रहने वाले लोगों के घर में किम जोंग के पिता और उनके दादा की तस्वीरें लगाना अनिवार्य है।

किम जोंग इल की मौत के बाद जब भी शोक सभा होती है उस दौरान वहां की प्रजा को खुलकर रोने का आदेश दिया जाता। और जो लोग इस शोक सभा में पूरे दम लगाकर चिल्ला-चिल्लाकर नही रोते है उसे अगले दिन मौत की सजा सुना दी जाती है। इस बात की चर्चा मीडिया में काफी रही थी। जानकारी के मुताबिक, इन शोकसभाओं में आकर जनता को रोकर ये साबित करना था कि वे पुराने राजा से कितना प्यार करते थे।

शोकसभाओं में इस तरह का रोना किम परिवार के लिए उनकी वफादारी का सबसे बड़ा सबूत माना गया है। बताया जाता है , ये शोकसभाएं 10 दिनों तक चलती है, जिसमें युवा, बच्चे, बूढ़े, औरत-मर्द सभी लोग उपस्थित होते है। और रोना शुरू कर देते है। इन शोकसभाओं के दौरान इस बात पर गौर किया जाता है कि कौन-किस तरह से रो रहा है। जो सही तरह से नहीं रो पाता है। उसे किम परिवार अपने प्रति वफादारी में कमी माना जाता।और उसे 6 महीने की कैद में रखा जाता है।

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