इस मंदिर का नाम है फूलबाग गोपाल मंदिर(Phoolbag Gopal Mandi), जो ग्वालियर (Gwalior) में स्थित है। जन्माष्टमी (Janmashtami) के अवसर पर भगवान राधाकृष्ण (Lord Radhakrishna) का श्रृंगार करीब 100 करोड़ रुपए के अधिक की ज्वैलरी से किया गया है। सिंधिया राजवंश (Scindia dynasty) के ये प्राचीन ज्वैलरी मध्यभारत की सरकार के समय गोपाल मंदिर को सौंप दिए गए थे। इन बेशकीमती ज्वैलरी में हीरे और पन्ना जड़ित हैं।
हालांकि इस बार कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते संक्रमण के चलते मंदिर के इतिहास में पहली अंदर श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। श्रृंगार के बाद भगवान के दर्शन फेसबुक लाइव के जरिए कराए जाएंगे। और कृष्ण जन्म के बाद रात 12 बजे ही इन जेवरातों को ट्रेजरी खुलवाकर उसमें रखवाया जाएगा और दूसरे दिन सुबह इन्हें दोबारा से बैंक के लॉकर में रखवा दिया जाएगा।
बता दें गोपाल मंदिर (Gopal Temple) में आजादी के पहले से भगवान राधाकृष्ण की प्रतिमा को इन ज्वैलरी से सुसज्जित करने की परंपरा है। उस समय सिंधिया राजपरिवार के लोग व रियासत के मंत्री, दरबारी व आम लोग जन्माष्टमी पर दर्शन को आते थे और राधाकृष्ण को इन ज्वैलरी से सजाया जाता था।