केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना ( Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana ) के तीसरे चरण के तहत इन सड़कों के निर्माण की घोषणा की। ऑलवेदर सड़कों की खासियत ये होगी कि ये हर मौसम के लिए ज्यादा अनुकूल होंगी। इसका सीधा फायदा सीजीटी ( CGT ) उद्योग को भी मिलेगा।
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केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ( Nitin Gadkari ) की पहल पर इन्हें काम में लिया जाएगा। ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत काम करने वाली राष्ट्रीय ग्रामीण ढांचागत विकास एजेंसी ने इसके लिए एक कम्युनिकेशन भी जारी किया है।
पीएमजीएसवाई-3 के तहत सीजीटी ( CGT ) उत्पादों का उपयोग करने की बात कही गई है। पीएमजीएसवाई की गाइडलाइंस के मुताबिक, अब हर सड़क ( Road ) के प्रस्ताव में कुल लंबाई के 15 फीसदी के निर्माण में नई प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा।
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इस 15 में से 5 फीसदी हिस्सा आईआरसी की तरफ से मान्यता प्राप्त आधुनिक तकनीक के जरिए किया जाएगा। आईआरसी ने ग्रामीण सड़कों के लिए सीजीटी तकनीक को मंजूरी दे दी है। ऐसे में अब सड़क निर्माण में 5 फीसदी हिस्सा इस नई तकनीक से किया जा सकता है।
मई मेें आईआईटी मद्रास ने सड़कों के निर्माण में सीजीटी का उपयोग करने को हरी झंडी दिखाई थी। आईआईटी ( IIT ) ने ये कदम सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी के आग्रह पर उठाया था। आईआईटी ने सीजीटी के उपयोग पर और ज्यादा शोध करने के लिए राष्ट्रीय कॉयर बोर्ड के साथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए एक एमओयू भी किया है।