इतना ही नहीं इस पेड़ के पानी में ऐसे जादुई एवं औषधीय गुण हैं, जिसके चलते इसे पीने से लोगों के रोग दूर हो जाते हैं। ये पेड़ असल में हरियाणा के नूंह जिले से करीब 3 किलोमीटर दूर स्थित है। हैरानी वाली बात यह है कि पानी कहां से आता है और ये क्यों नहीं सूखता है इसका जवाब किसी के पास नहीं है। यह पेड़ काफी समय से लोगों के लिए हैरानी का विषय बना हुआ है। इस पेड़ से निकलने वाले जल को लोग भगवान का चमत्कार बताते हैं। इसीलिए दूर—दूर से आने वाले भक्त इसे भरकर अपने साथ ले जाते हैं। मान्यता है कि इस पेड़ का पानी चर्म रोग के लिए बहुत फायदेमंद है।
पेड़ से पूरे साल पानी कैसे निकलता है, यहां न तो कोई झरना है ना ही कोई अन्य स्त्रोत। इसी के चलते कई शोधकर्ताओं ने इस पेड़ पर कई रिसर्च किए लेकिन कुछ भी पता नहीं चल सका। पेड़ के पास एक मंदिर भी है। जिसे लो नल्हड़ेश्वर मंदिर के नाम से जानते हैं। लोगों का मानना है कि मंदिर में माथा टेकने और कंदब के पेड़ से निकलने वाले जल को पीने से उनकी शारीरिक समस्याएं दूर हो जाएंगी। साथ ही अगर उन्हें मानसिक तनाव रहता है या घर में अशांति का महौल रहता है तब भी उन्हें राहत मिलेगी।