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नेत्रहीन मां की इच्छा पूरी करने के लिए कंधों पर बैठाकर बेटा चला 37 हजार किलोमीटर

Published: May 14, 2019 12:15:15 pm

Submitted by:

Prakash Chand Joshi

मां की इच्छा पूरी करने के लिए किया ये काम
इस दुनिया में नहीं हैं पिता
हर कोई कर रहा है तारीफ

kailash gir

नेत्रहीन मां की इच्छा पूरी करने के लिए कंधों पर बैठाकर बेटा चला 37 हजार किलोमीटर

नई दिल्ली: आपने किताबों में श्रवण कुमार की कहानी पढ़ी होगी जो अपने नेत्रहीन माता-पिता को कांवर पर बैठाकर तीर्थयात्रा पर ले गया। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे श्रवण कुमार के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपनी नेत्रहीन मां को बिल्कुल श्रवण कुमार की तरह ही चार धाम की यात्रा पर ले गया। हर कोई इस शख्स की तारीफ कर रहा है। चलिए आपको पूरा मामला बताते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, कैलाश गिरी नाम के शख्स से उनकी मां कीर्ति देवी ने लगभग 20 साल पहले एक इच्छा जताई। मां ने कहा कि उसे चार धाम यात्रा ( Char Dham yatra ) करनी है। बेटे ने मां की इच्छा पूरी करने के लिए अपनी नेत्रहीन मां को कांवर पर बैठा लिया और निकल पड़ा चार धाम की यात्रा पर। गिरी अपनी मां को कंधों पर लेकर 37 हजार किलोमीटर पैदल चला। मिली जानकारी के मुताबिक, जब इस यात्रा को शुरु किया गया था तब गिरी की उम्र 25 साल थी और अब वो लगभग 50 साल के हो चुके हैं। वहीं उनकी मां की उम्र 92 साल हो चुकी है।

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गिरी ने अब तक अपनी मां को चारधाम की यात्रा, तिरुपति बालाजी, केदारनाथ ( Kedarnath ), गंगासागर, हरिद्वार , अयोध्या, इलाहाबाद, ऋषिकेश, पुष्कर और चित्रकूट घुमा चुके हैं। सफर के दौरान लोग गिरी को जो दान देते थे उससे ही वो खाना पकाते और अपनी मां को भी खिलाते। हर दिन वो अपने कंधों पर मां को बैठाकर 5-6 किलोमीटर चलते थे। साल 2016 में अपनी यात्रा का समापन उन्होंने ब्रज भूमि में किया था। एक इंटरव्यू में गिरी ने कहा दुनिया में उनकी मां के सिवा उनका कोई नहीं। जब वो 10 साल के थे पिता उन्हें छोड़कर चल बसे थे। साथ ही उनके भाई-बहन भी इस दुनिया में नहीं हैं।

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