जब आप किसी से बात करें तो अपने हाथों को ज्यादा न हिलाएं। अक्सर हम बात करते समय हाथ चलाते हैं ताकि सामने वाले को समझा सकें। हालांकि आपके क्लाइंट को लग सकता है कि आप छोटी सी बात को बेवजह खींचना चाह रहे हैं।
आपके क्लाइंट को ऐसा बिल्कुल नहीं लगना चाहिए कि आपके शब्द और आपका चेहरा अलग-अलग बातें कह रहा है। शब्दों और भावों में समानता लाएं, ताकि क्लाइंट आपकी बात को गंभीरता से ले।
हो सकता है कि आप किसी मीटिंग में बोर हो रहे हों या आपको कहीं जाने की जल्दी हो लेकिन ऐसे में बार-बार घड़ी को न देखें। इससे सामने वाले पर गलत प्रभाव पड़ता है। उसको लगता है कि आप उसे और उसकी बात को महत्व नहीं दे रहे जो गलत है।