एक अंग्रेजी रिपोर्ट के मुताबिक जयाकांत के परिवार में मिठाई बनाने का काम होता था। परिवार को देख वह भी इस काम में निपुण हो गईं। शादी के बाद उन्होंने पहले लोकल स्टोर्स में मिठाइयां बेची। उनका बिजनेस अच्छा चलने लगा तो परिवार से राय लेकर करीब ₹5000000 का लोन लिया। साल 2010 में उन्होंने एक सुपरमार्केट स्टोर खोला, जिसमें करीब 50 लोग काम करते थे। उनका व्यवसाय काफी अच्छा चल रहा था, लेकिन साल 2011 में उनकी लाइफ में बड़ा टर्निंग प्वाइंट आया। उनके स्टोर में बड़ी चोरी हो गई जिसकी वजह से उनका सब बर्बाद हो गया।
इस मुश्किल हालात में उनके घर वालों का हौंसला टूट गया। मगर जयाकांत ने हार नहीं मानी। उन्होंने महज ₹100 से दोबारा अपना कारोबार शुरू किया। उन्होंने अब मिठाई की जगह चिप्स बनाने का काम किया। उन्होंने इसे अस्वती हॉट चिप्स नाम दिया। उनकी मेहनत रंग लाई आज उनके त्रिशूर में चार आउटलेट्स हैं। जिनमें चिप्स, अचार और केक मिलता है।