scriptसंसद के कामकाज में इस तरह की भूमिका में नज़र आते हैं प्रोटेम स्पीकर, ऐसे तय होती है इनकी ज़िम्मेदारी | know who becomes protem speaker and what are his responsibilities | Patrika News

संसद के कामकाज में इस तरह की भूमिका में नज़र आते हैं प्रोटेम स्पीकर, ऐसे तय होती है इनकी ज़िम्मेदारी

Published: May 30, 2019 11:38:31 am

प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति नई सरकार आने के बाद संसद की शुरूआत के लिए जरूरी होती है।
नवनिर्वाचित सांसदों की शपथ समेत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चयन में भी इनकी भूमिका होती है।
लोकसभा में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है।

संसद के कामकाज में इस तरह की भूमिका में नज़र आते हैं प्रोटेम स्पीकर, ऐसे तय होती है इनकी ज़िम्मेदारी

संसद के कामकाज में इस तरह की भूमिका में नज़र आते हैं प्रोटेम स्पीकर, ऐसे तय होती है इनकी ज़िम्मेदारी

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 में NDA की जीत के बाद आज नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के लिए पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। इसी के साथ संसद के कार्यकाल को शुरू करने से पहले सभी सांसदों को भी शपथ दिलाई जाएगी। सांसदों को शपथ दिलाने का काम प्रोटेम स्पीकर द्वारा किया जाता है। इस बार बरेली से सांसद संतोष गंगवार प्रोटेम स्पीकर के लिए नामित हुए हैं और उन्ही के द्वारा सभी नए सांसदों की शपथ दिलाई जाएगी। संतोष गंगवार के बारे में बात करें तो वो पिछले 8 चुनावों में लगातार बरेली से सांसद बनते आ रहे हैं। पिछली सरकार में भी गंगवार की भूमिका थी और वे कपड़ा मंत्री के अलावा वित्त राज्य मंत्री के पद पर भी रह चुके हैं।

कौन बनता है प्रोटेम स्पीकर और क्या होता है इनका काम

अभी तक की सरकारों की बात करें तो सदन का जो वरिष्ठ सदस्य होता है उसे ही प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है। प्रोटेम स्पीकर संसद के पहले सत्र में स्थायी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुने जाने तक कामकाज को संभालते हैं और संसद का संचालन करने का काम करता है। प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति काफी कम समय के लिए की जाती है। लेकिन सदन में उनकी जरूरत कई महत्वपूर्ण स्थितियों में पड़ती है। अगर कभी संसद के अध्यक्ष या उपाध्यक्ष की मृत्यु हो जाए या फिर वे इस्तीफ़ा दे दें और यह पद खाली हो जाए उस समय प्रोटेम स्पीकर के ऊपर ही नए व्यक्ति के पद ग्रहण करने तक ज़िम्मेदारी रहती है।

शपथग्रहण के बाद कुछ ऐसा होगा राष्ट्रपति भवन में डिनर का इंतजाम, इस खास चीज से किया जाएगा अतिथियों का स्वागत

लोकसभा के लिए प्रोटेम स्पीकर पद की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। हांलाकि उनकी शक्तियों के बारे में संविधान में कोई जिक्र नही है। लेकिन प्रोटेम स्पीकर ही वह व्यक्ति होता है जो नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाता है। सभी सांसदों की शपथ के बाद उन्ही के बीच से अध्यक्ष का चयन कराता है।

आज ही के दिन प्रकाशित हुआ था हिंदी का पहला अखबार, पत्रकारिता दिवस के तौर पर मनाया जाता है ये दिन

अगर किसी स्थिति में अध्यक्ष या उपाध्यक्ष पद के लिए पड़े वोटों में टाई हो जाए तो प्रोटेम स्पीकर संसद का सदस्य होने के नाते अपने मत का प्रयोग कर स्थिति को सुलझा सकता है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो